उत्तराखण्ड

उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के शिष्टमंडल ने शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत को शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन…… इन मामलों में हुई गंभीर चर्चा…… पढ़ें खबर


सर्किट हाउस गौलापार में उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री डॉ० धन सिंह रावत से मिला
उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संगठन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आज श्री मनोज तिवारी जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में सर्किट हाउस में सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ० धन सिंह रावत से मिला और ज्ञापन सौंपकर मांगे पूरी करने की गुजारिश की माननीय शिक्षा मंत्री को दिए गए ज्ञापन में मुख्य बातें-
◆ शिक्षकों को वर्तमान में तमाम तरह के ऑनलाइन/ गैर शैक्षणिक कार्य कराए जा रहे हैं, गैर शैक्षणिक कार्यो से शिक्षकों से मुक्त किया जाए
◆पुरानी पेंशन से वंचित शिक्षकों की नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन बहाल की जाए
◆समस्त प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अनिवार्य रूप से प्रधान अध्यापकों के समस्त पदों पर नियुक्ति/ पदोन्नति की जाए
◆ ग्रेड वेतन 4600/- प्राप्त करने वाले समस्त शिक्षकों को 17,140 का लाभ प्रदान किया जाए
◆ वर्तमान में कार्यरत नाँन टैट वाले शिक्षकों को हिमांचल व अन्य राज्य की भांति अध्यापक पात्रता परीक्षा से मुक्त रखते हुए नियमित नियुक्ति प्रदान की जाए
◆लंबे समय से लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया जाए
◆ प्राथमिक शिक्षकों की पूर्व में संपादित काउंसलिंग के आधार पर 30% पदों में एलटी में समायोजन सूची तत्काल निर्गत की जाए
◆ राज्य नोडल एजेंसी(SNA) के अंतर्गत आ रही व्यावहारिक कठिनाइयां एवं तकनीकी समस्याओं का समाधान किया जाए
◆ शिक्षकों को पूरे सेवाकाल के दौरान अनिवार्य रूप से तीन पदोन्नतियाँ प्रदान की जाएं
◆शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत विद्यालयों के विलीनीकरण पर रोक लगाई जाए
◆ छापेमारी के नाम पर शिक्षकों का उत्पीड़न बंद किया जाए
माननीय शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने संगठन के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही प्रदेश में शिक्षकों की समस्याओं का त्वरित गति से निदान किया जाएगा ताकि विद्यालयों में शिक्षक अपना पूरा समय शिक्षण कार्य में दे सकेंगे|
ज्ञापन देने वालों में उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संगठन के जिला अध्यक्ष मनोज तिवारी, जिला मंत्री डिकर सिंह पडियार, रामनगर ब्लॉक के अध्यक्ष सुभाष जुयाल, हरीश बिष्ट, जयदेव आदि शिक्षक मौजूद रहे।

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