लालकुआं। बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम का दर्जा दिलाने के लिये सक्रिय विधायक डॉ मोहन बिष्ट ने एक रास्ता ढूंढ निकाला है। जिसके तहत विधायक के पत्र पर निदेशालय जनजाति कल्याण उत्तराखंड के निदेशक एसएस टोलिया ने अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी परिवारों के लिए वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई करने हेतु जिलाधिकारी नैनीताल एवं समाज कल्याण विभाग व अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
विदित रहे कि लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में वर्षों से वन भूमि पर निवासरत परंपरागत वन निवासियों को उनके कब्जे की भूमि में अधिकार पत्र देने और राजस्व ग्राम बनाने हेतु वन अधिकार अधिनियम 2006 के अन्तर्गत कार्यवाही की जानी है, जिसमें सर्वप्रथम वन अधिकार समिति का गठन, पात्रता एवम् साक्ष्य, दावे भरना, दावों की स्थलीय जांच और स्वीकृत दावों को उपखण्ड स्तरीय समिति को प्रेषित करने की प्रक्रिया हेतु प्रशासन द्वारा जागरूकता शिविर आयोजित किये जायेंगे। विदित हो कि इस प्रक्रिया में कार्यवाही ग्राम स्तर से प्रारम्भ कर जिला स्तर को की जानी है, जिसके लिए लोगों को अधिनियम की प्रक्रिया की जानकारी होना आवश्यक है। विधायक डा. मोहन सिंह बिष्ट द्वारा लोगों को वन अधिकार अधिनियम 2006 के सम्बंध में जागरूक करने हेतु फरवरी 2023 में निदेशक जनजाति कल्याण मंत्रालय को पत्र लिखा था, जिस पर कार्यवाही करते हुए जनजाति कल्याण मंत्रालय द्वारा लालकुआं विधानसभा के बिंदुखत्ता सहित अन्य वन भूमि में बसे लोगों को वन अधिकार अधिनियम के तहत प्रक्रिया अपनाने हेतु ट्रेनिंग दिए जाने का पत्र प्राप्त होने पर नैनीताल जिला प्रशासन को पत्र भेजकर लालकुआं विधानसभा के अलग अलग स्थानों पर शिविर आयोजित कर लोगों को वन अधिकार अधिनियम 2006 के अन्तर्गत प्रक्रिया की जानकारी देने हेतु आदेश जारी कर दिए हैं। इधर उप जिलाधिकारी मनीष कुमार सिंह का कहना है कि जिलाधिकारी द्वारा दिए गए आदेश का अभिलंब पालन करना सुनिश्चित करेंगे।
बिंदुखत्ता वासियों को उनकी जमीनों का मालिकाना हक दिलाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़े……….. इस मंत्रालय ने जिला प्रशासन नैनीताल को दिए यह निर्देश………….
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