उत्तराखण्ड

संजना हत्याकांड बिंदुखत्ता एवं काठगोदाम के लाडली हत्याकांड का वैज्ञानिक तकनीक तथा साक्ष्यों के आधार पर खुलासा करने वाले तत्कालीन कोतवाल एवं वर्तमान में सीओ चंपावत बिपिन चंद्र पंत को केंद्रीय गृहमंत्री अवार्ड से डीजीपी उत्तराखंड ने किया सम्मानित….. पढ़ें विस्तृत खबर

देहरादून। संजना हत्याकांड का डीएनए के माध्यम से सनसनीखेज पर्दाफाश करने वाले तथा काठगोदाम की लाडली कांड का सफल रुप से विवेचना कर खुलासा करने वाले तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर तथा चंपावत के क्षेत्राधिकारी बिपिन चंद्र पंत को केंद्रीय गृहमंत्री पदक के साथ पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड ने सम्मानित किया। देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में विपिन चन्द्र पन्त, क्षेत्राधिकारी चम्पावत को अन्वेषण में उत्कृष्टता हेतु वर्ष 2018 में घोषित केन्द्रीय गृह मंत्री पदक से सम्मानित करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इस तरह से विवेचना कर सफल घटना का अनावरण करने के लिए लोगों को इस तरह के अधिकारियों से प्रेरणा लेनी चाहिए।
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में विपिन चन्द्र पन्त, क्षेत्राधिकारी चम्पावत को उत्कृष्ट अन्वेषण के लिये केन्द्रीय गृह मंत्री पदक से सम्मानित किये जाने का घोषणा की गयी थी । जिसके लिए विभाग ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर पुलिस मुख्यालय देहरादून में कार्यक्रम आयोजित किया था जहां पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, ने एकता दिवस के अवसर पर पुलिस मुख्यालय, देहरादून में श्री विपिन चन्द्र पन्त, पुलिस उपाधीक्षक चम्पावत को अन्वेषण में उत्कृष्टता हेतु घोषित केन्द्रीय गृहमंत्री पदक* से सम्मानित किया।
इस दौरान पुलिस अधीक्षक चंपावत देवेन्द्र पींचा ने विपिन चन्द्र पन्त, क्षेत्राधिकारी चम्पावत को उक्त सम्मान हेतु बधाई दी तथा भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए भविष्य में भी इसी तरह मेहनत व लगन से कार्य करने* हेतु प्रेरित किया ।
जानकारी के अनुसार 20 नवंबर को हुई एक लोमहर्षक घटना ने पूरा नैनीताल जनपद को आक्रोशित कर दिया था स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इस घटना के खुलासे के लिए तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक कोतवाली लालकुआं विपिन चंद्र पंत को जांच सौंपी गई थी श्री पंत ने बताया कि 20. नवंबर. 2014 की रात्रि 21.10 बजे जनपद नैनीताल के थाना काठगोदाम क्षेत्र के रामलीला मैदान शीशमहल में वैवाहिक कार्यक्रम से एक बच्ची उम्र लगभग 06 वर्ष कही गुम हो गयी थी जिस हेतु थाना काठगोदाम में गुमशुदगी दर्ज करायी गयी। दिनांक 25.11.2014 को उक्त बच्ची का शव गौला नदी के किनारे से बरामद किया गया। उक्त प्रकरण गम्भीर प्रवृत्ति व शान्ति व्यवस्था से जुड़ा होने के कारण विवेचना प्रभारी निरीक्षक कोतवाली लालकुंआ के रहते उन्हें सुपुर्द की गयी। इस दौरान कडी जांच-पड़ताल के बाद विवेचक द्वारा साक्ष्य संकलन के दौरान प्रकाश में आये 03 अभियुक्तो (अख्तर अली, प्रेमपाल तथा जुनियर मसीह) को लुधियाना, पंजाब से गिरफ्तार किया गया।
विवेचना में अभियोग में विवेचना के दौरान वैज्ञानिक व प्रयाप्त साक्ष्यो का प्रयोग करते हुए निर्धारित समय से पूर्व 60 दिवस के के अन्दर आरोप पत्र मा0 न्यायालय प्रेषित कर मा0 न्यायालय में दौराने विचारण कुशल पैरवी के आधार पर मा0न्यायालय विशेष पॉक्सो कोर्ट हल्द्वानी, जनपद नैनीताल द्वारा घटना में मुख्य अभियुक्त अख्तर अली को मृत्यु दण्ड तथा सहअभियुक्त प्रेमपाल को 05 वर्ष के कठोर कारावास से दण्डित किया गया।

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