उत्तराखण्ड

22 साल बाद मिले गुरु -शिष्यो ने पुनर्मिलन कार्यक्रम आयोजित कर इस तरह साझा की पुरानी यादें और कार्यक्रम को बनाया इमोशनल….. पढ़ें प्रेरणादायक खबर

लालकुआं। राजकीय इंटर कॉलेज हल्दूचौड़ में वर्ष 2000 में इंटरमीडिएट में पास हुए छात्र-छात्राओं ने अपने समय के शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ पुनर्मिलन कार्यक्रम का आयोजन कर जहां अपने गुरुजनों को सम्मानित किया। वहीं विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर जमकर जश्न मनाया।


जीआईसी हल्दूचौड़ में वर्ष 2000 में इंटरमीडिएट की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए छात्र-छात्राओं ने अपने समय के विद्यालय के गुरुजनों को विद्यालय बुलाकर पुनर्मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें भारतवर्ष के विभिन्न क्षेत्रों में एवं विभिन्न सेवाओं में सेवारत उस समय के विद्यार्थियों ने स्कूल में पहुंच कर गुरुजनों से आशीर्वाद लिया एवं फूल माला पहनाकर उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने गुरुजनों को प्रतीक चिन्ह देने के साथ-साथ जीआईसी हल्दूचौड़ को 80 लीटर का वाटर कूलर भी भेंट किया। इस दौरान उक्त छात्र छात्राओं ने विभिन्न रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया तथा उस समय की यादें ताजा की भव्य कार्यक्रम को देखकर कई गुरुजन भावुक हो गए, उन्होंने कहा कि उनके जीवन काल में इस प्रकार का सम्मान पहली बार उन्हें शिष्यों द्वारा दिया जा रहा है, सन 2000 में पास हुए विद्यार्थियों द्वारा 22 साल बाद उन्हें याद करना बहुत ही आनंदित एवं खुश करने वाला पल पल है, उन्हें यह क्षण हमेशा याद रहेगा। कार्यक्रम के पश्चात सभी ने सहभोज भी किया। तथा विदाई भी अत्यंत भावपूर्ण हुई। इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल, पूर्व विधायक नवीन चंद्र दुम्का, समाजसेवी हेमवती नंदन दुर्गापाल तथा सन 2000 में कार्यरत अध्यापक एमएन पंतोला, एनडी तिवारी, वीरेंद्र सिंह बिष्ट, ज्ञान चंद्र त्रिपाठी, जीबी जोशी, मनमोहन सिरारी, हंसा दत्त जोशी, वर्तमान प्रधानाचार्य गनपत सिंह सेंगर, ललित तिवारी, हेम चंद्र जोशी, एवं 2000 बैच के लगभग 35 स्टूडेंट उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आयोजक 2000 बैच के विद्यार्थी प्रदीप सती, जीवन बोरा, पुष्कर सिंह धामी, तिलोक चंद पांडे, हरीश पंडा, विवेक गुरुरानी, नरेश कबडवाल, गोविंद, जितेश, प्रकाश, मुकेश, विजय प्रताप, लक्ष्मण सिंह, सुरेश गुरुरानी, सुंदर बिष्ट दीपक नेगी राजेंद्र जोशी ललित तिवारी कौस्तुभ भट्ट रविंद्र कुमार मुकेश कुमार प्रदीप सिंह रामू मिस्त्री हिमानी सनवाल, किरन पांडे, हेमा भट्ट, जगत सुयाल और राजेश अग्रवाल का कहना था कि यह उनके जीवन में एक ऐतिहासिक पल है, और इस प्रकार का आयोजन एवं गुरुओं का सम्मान हमेशा होता रहना चाहिए, जिन गुरुओं ने हमें इस लायक बनाया कि आज हम अपने-अपने क्षेत्रों में सभी लोग सक्षम हैं यह सब गुरुओं की देन है।
फोटो परिचय- पुनर्मिलन समारोह के दौरान जीआईसी हल्दूचौड़ में वर्ष 2000 के गुरुजन एवं विद्यार्थी

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