उत्तराखण्ड

नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद शासन ने प्रदेश में हुए इस चुनाव पर लगाई रोक,

नैनीताल । उच्च न्यायालय उत्तराखंड ने राज्य में हो रहे सहकारी समितियों के चुनाव के मामले में सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खण्डपीठ ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार से कहा है कि चुनाव एकलपीठ के आदेश के अनुसार ही हों। एकलपीठ ने ये चुनाव पुरानी नियमावली के मुताबिक कराने के निर्देश दिए थे।

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इस मामले में आज एकलपीठ के आदेश के खिलाफ सोसाइटी की तरफ से विशेष अपील के माध्यम से चुनौती दी गयी। जिसमें कहा गया कि सहकारी समितियों का चुनाव कराने हेतु राज्य सरकार ने इसमें कुछ संसोधन किए हैं। उसको भी लागू किया जाय और उसी के अनुसार चुनाव कराएं ।

इस पर आपत्ति व्यक्त करते हुए हुए आरटीआई कार्यकर्ता भुवन पोखरिया व कई अन्य याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि सहकारिता के चुनाव पूर्व के नियमों के तहत ही कराए जाएं।

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राज्य सरकार ने चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के बाद नियमावली को संसोधित किया है वह गलत है। जबकि चुनाव कराने की प्रक्रिया दिसम्बर माह से प्राररम्भ हो चुकी है। अब इस मामले में राज्य सरकार संसोधन करा रही है। जो नियम बिरुद्ध है। राज्य सरकार ने इसमें संसोधन करके उन लोगो को वोट का अधिकार दे दिया है जो सेवानिवृत्त हैं या इस कमेटी के सदस्य नहीं है। नियम ये कहता है कि वही सदस्य समिति के सदस्यों का चुनाव में प्रतिभाग कर पाएंगे जो तीन साल से इसके सदस्य रहते आए हों।

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