बिहार के मुंगेर में पंचायत चुनाव जीतने के बाद नक्सलियों को पार्टी नहीं देना नवनिर्वाचित मुखिया के लिए जानलेवा साबित हो गया। नक्सलियों ने मुखिया परमानंद गुड्डू की गला रेत कर हत्या कर दी। इस घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। हालांकि ग्रामीण दहशत की वजह से चुप हैं। परमानंद टुडू ने अभी मुखिया पद की शपथ भी नहीं ली थी। वारदात जिले के लडैइयां टांड थाना इलाके के पहाड़ों से घिरे अजीमगंज पंचायत के मथुरा गांव में हुई है, जहां नक्सलियों ने बीती रात मुखिया परमानंद टूडू की शपथ ग्रहण से पहले हत्या कर दी। हत्या के पीछे चुनाव जीतने के बाद मुखिया की ओर से खर्च नहीं किया जाना बताया जा रहा है।
बेटे ने सुनाई पूरी कहानी
मुखिया के बेटे अभिषेक ने पुलिस को बताया कि देर रात आधा दर्जन की संख्या में नक्सली घर में घुसे उन्होंने पहले पापा को उठाया और उनसे खींचतान करने लगे। नक्सलियों ने कहा कि चुनाव जीते हो खस्सी खिलाओ, पापा अभी कुछ बोलते कि उससे पहले उन्हें घसीटते हुए बाहर ले कर गए। और गला रेत कर हत्या कर दी। बेटे ने रोते हुए कहा कि उनके पिता 31 दिसंबर को मुखिया पद की शपथ लेने वाले थे लेकिन उसके पहले ही नक्सलियों ने उनकी हत्या कर दी। हमारा पूरा परिवार इस घटना से दहशत में है।
ग्रामीणों का बयान कुछ और है
ग्रामीणों का कहना है कि नक्सलियों ने गांव वालों से दूसरे मुखिया का समर्थन करने की अपील की थी, लेकिन लोगों ने परमानंद टुडू के सामाजिक सरोकार और विनम्रता को देखते हुए उन्हें चुनाव में वोट दिया, जिसके बाद नक्सलियो ने गुस्से में आकर परमानंद की हत्या कर दी। हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि खस्सी के मांस वाली बात सही है। परमानंद ने नक्सलियों को खिलाने से इंकार कर दिया था जिसके बाद परमानंद की हत्या हुई।
परमानंद ने मेहनत से बनाई थी पहचान
परमानंद टुडू की हत्या से पूरे पंचायत के लोगों में दहशत है। लोग परमानंद की विनम्रता को याद कर दुखी है। मृतक मुखिया परमानंद रेलवे से सेवानिवृत्त पिता श्यामसुंदर टूडू के साथ रहकर खेती-बाड़ी करता था। परमानंद ने नक्सलियों की चेतावनी के बाद भी 2016 में मुखिया का चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव में जीत नहीं पाया था। इस बार भी नक्सलियों ने चुनाव नहीं लड़ने की चेतावनी दी थी जिसे परमानंद ने इग्नोर कर दिया और चुनाव लड़कर विजई हुआ था। ग्रामीणों का कहना है कि मुंह खोलने पर नक्सलियों ने अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है। इसलिए गांव वाले पूरी तरह चुप है।
मौके पर पहुंची पुलिस भी लाचार
वहीं दूसरी ओर हत्या की घटना के बाद पुलिस का रवैया भी लापरवाही भरा रहा। पुलिस मामले की जांच की जगह घटनास्थल पर रात में पहुंचकर जल्द से जल्द शव को लेकर भागने की फिराक में रही। पुलिस वालों ने शव को कब्जे में लिया और उसे लेकर आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे। मामले में लडैया टांड थानाध्यक्ष नीरज कुमार ठाकुर ने बताया कि सूचना के बाद मौके पर पुलिस पहुंची थी, पूरे मामले की जांच की जा रही है। वहीं डीएसपी सदर ने कहा कि परमानंद की हत्या नक्सलियों ने की होगी उससे इनकार नहीं किया जा सकता।