उत्तराखण्ड

हाईकोर्ट नैनीताल में निकाय चुनाव के आरक्षण को लेकर आज आ सकता है महत्वपूर्ण फैसला…………….. उत्तराखंड की इन निकायों के आरक्षण को लेकर संभावित फैसला दर्जनों प्रत्याशियों के सपने कर सकता है चकनाचूर……………..

नैनीताल। उच्च न्यायालय नैनीताल ने स्थानीय निकाय चुनाव 2024 की आरक्षण नियमावली को चुनौती देती अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई की। अब आज कोर्ट अपराह्न दो बजे बाद इस मामले में अपना फैसला सुना सकती है।
गुरुवार को न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकर्ताओं की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार ने नियमों को ताक पर रखते हुए निकाय आरक्षण की अधिसूचना जारी की है। जिस दिन अधिसूचना जारी की गई उसी दिन शाम को चुनाव कार्यक्रम भी घोषित कर दिया गया। इस पर उन्हें आपत्ति दाखिल करने का मौका तक नहीं दिया गया। नियमों के तहत आरक्षण घोषित होने के बाद आपत्ति मांगे जाने का प्रविधान है। जिसका अनुपालन राज्य सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग ने नहीं किया है। जिन स्थानीय निकायों और नगर निगमों में आरक्षण तय किया वह भी सरासर गलत है। निगमों में दस हजार से कम ओबीसी व एसटी आबादी पर सीट का आरक्षण नहीं होना था, जबकि जहां इनकी संख्या अधिक थी, वहां सीट आरक्षित की जानी चाहिए थी।
इधर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि निकायों में नियमानुसार आरक्षण तय किया गया है। इसे चुनाव याचिका के रूप में चुनौती दी जानी चाहिए। इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि अभी चुनाव नहीं हुए हैं, उन्होंने सिर्फ आरक्षण की अधिसूचना को चुनौती दी है।
यदि आज उच्च न्यायालय द्वारा आरक्षण बदलने से संबंधित कोई फैसला सुना दिया गया तो स्थानीय निकाय चुनाव पर पुनः संकट आ सकता है। विदित रहे कि नगर निगम हल्द्वानी और नगर पंचायत लालकुआं समेत कई स्थानीय निकायों में शासन ने आचार संहिता लगने से ठीक पहले आरक्षण में बदलाव कर दिया था।

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