उत्तराखण्ड

बिंदुखत्ता को बनाना था राजस्व गांव……………. सरकार बना रही वन ग्राम…………… प्रक्रिया रोकने की डीएम नैनीताल से की मांग…………….. लगाए सनसनीखेज आरोप………………

लालकुआं। बिंदुखत्ता में वन ग्राम पंचायत के तहत भाग 2 रजिस्टर बनाने की पहल का कांग्रेस ने पुरजोर विरोध कर राजस्व गांव की मांग दोहराई है। बकायदा इस संबंध में कांग्रेसियों ने उप जिलाधिकारी लालकुआं से भेंट कर जिलाधिकारी को ज्ञापन भी प्रेषित किया।
ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पुष्कर दानू के अनुसार बिन्दुखत्ता वनाधिकार ग्राम समिति ने बिंदुखत्ता में वन ग्राम पंचायत के नाम से भाग 2 रजिस्टर बनाने की पहल शुरू की हैं, जिसका कांग्रेस ने इसका पुरजोर विरोध किया है, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी दशकों से बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने की मांग करती आ रही है, और बाकायदा इस संबंध में कई बार प्रयास भी किए गए, और इस लड़ाई को आज तक जारी रखे हुए है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी राजस्व गांव के नाम पर बिंदुखत्ता वासियों को वनगांव का दर्जा देने का प्रयास कर रही है, जिसका ताजा उदाहरण वन ग्राम पंचायत के नाम से भाग 2 रजिस्टर बनाने की तैयारी की जा रही है, जिसे क्षेत्र पंचायत विकास अधिकारी, विकासखंड हल्द्वानी द्वारा प्रमाणित भी किया गया है।
दोपहर को ब्लॉक कांग्रेस कमेटी बिन्दुखत्ता के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता तहसील लालकुआं में एकत्र हुए और उन्होंने उप जिलाधिकारी
लालकुआं तुषार सैनी से मुलाकात कर वन ग्राम पंचायत के तहत बनाए जा रहे भाग 2 रजिस्टर पर तुरंत रोक लगाने की मांग की, और कहा कि बिंदुखत्ता को शीघ्र राजस्व गांव का दर्जा दिया जाए। साथ ही कहा कि अगर उक्त कार्रवाई पर शीघ्रता से रोक नहीं लगाई गई तो कांग्रेस जन आंदोलन को बाध्य होंगे।
ज्ञापन देने वालों में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पुष्कर सिंह दानू, शहर अध्यक्ष भुवन पांडे, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सूबेदार मेजर कुंदन सिंह मेहता, त्रिलोक सिंह मंटू, प्रदीप बथ्याल, गिरधर सिंह बम, देवेंद्र सिंह, अमित बोरा आदि शामिल थे।

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इधर वन अधिकार समिति बिंदुखत्ता ने FRA की धारा 3.1. ज के तहत राजस्व ग्राम का दावा किया है जो कि छः माह से शासन स्तर पर लंबित है। जो लोग खुद सरकार में रहते हुए राजस्व ग्राम के लिए काम नहीं कर पाए, वन अधिकार समिति द्वारा चलाई जा रही सोशल मीडिया मुहिम और व्यापक हस्ताक्षर अभियान को कमजोर करने के लिए वन ग्राम की अफवाह फैला रहे हैं जो कि सरासर गलत है। राजस्व ग्राम की अधिसूचना जारी होने तक सभी कार्य वन पंचायत के नाम से ही संचालित होंगे।
भुवन भट्ट, सचिव वनाधिकार समिति बिंदुखत्ता

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