भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत शुक्रवार सुबह सड़क हादसे में सौभाग्य से बच गए। पुलिस के मुताबिक, झपकी लगने से यह हादसा हुआ। उनकी मर्सिडीज अनियंत्रित होकर डिवाइडर से जा टकराई, जिसके बाद उसमें आग लग गई और पलट गई। एक्सीडेंट के बाद पंत जलती हुई कार की खिड़की तोड़कर बाहर निकले। उन्हें सिर, पीठ और पैर में गंभीर चोटें आई हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत खतरे से बाहर है।
उन्हें इलाज के लिए रुड़की से देहरादून ले जाया गया है। यहां के मैक्स हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टर की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें दिल्ली एयरलिफ्ट किया जाएगा।
हादसा कब और कहां हुआ
हादसा सुबह 5.30 बजे रुड़की के नारसन बॉर्डर पर हम्मदपुर झाल के मोड़ पर हुआ। झपकी के बाद उनकी मर्सिडीज अनियंत्रित होकर डिवाइडर से जा टकराई। यह जगह उनके घर से 10 किलोमीटर दूर है। उस वक्त कार की रफ्तार 150 किमी/घंटे थी। कार 200 मीटर तक घिसटते चली गई।
अभी उनकी क्या स्थिति
हादसे के बाद पंत को एंबुलेंस से पहले इलाज के लिए रुड़की के सक्षम हॉस्पिटल ले जाया गया। अभी उनकी हालत पहले से बेहतर है। पंत को सिर, पीठ और पैर में चोटें आई हैं। सक्षम हॉस्पिटल के चेयरमैन और ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर सुशील नागर ने पहाड़ वार्ता को बताया कि MRI के बाद ही पता चलेगा कि उनके घुटने में कौन सी हड्डी टूटी है। पंत को ऑपरेशन की जरूरत भी पड़ सकती है। इसके बाद पता चलेगा कि वे कब तक खेल पाएंगे।
मां को सरप्राइज देने अकेले घर जा रहे थे
पंत अकेले घर जा रहे थे। डॉक्टर सुशील नागर ने पहाड़ वार्ता को बताया कि वह अपनी मां को सरप्राइज देने के लिए जा रहे थे।
चश्मदीद ने बताया- पलटने के बाद आग लग गई
गांव वालों ने बताया कि उन्होंने तेज धमाका सुना। देखा कि एक कार डिवाइडर से टकराने के बाद कुछ फीट तक घसीटते चली गई। ऐसा लगा कि पलटी और उसमें आग लग गई। हमने उन्हें उठाया और अस्पताल पहुंचाया। उधर,उत्तराखंड DG अशोक कुमार के मुताबिक, एक्सीडेंट के बाद पंत जलती हुई कार की खिड़की तोड़कर बाहर निकले थे।
डॉक्टर बोले- सीट बेल्ट पहने होते तो कार में झुलस सकते थे
डॉक्टर सुशील नागर ने पहाड़ वार्ता को बताया कि पंत सीट बेल्ट नहीं पहने थे। इसलिए वे सुरक्षित बाहर आ गए। अगर वे सीट बेल्ट पहने होते तो कार में आग लगने के बाद वह झुलस सकते थे।
कार में लाखों रुपए थे, मदद की बजाय लोग जेबों में रख रहे थे
ऐसा बताया जा रहा है कि ऋषभ की गाड़ी में करीब तीन से चार लाख रुपए थे। घटना के बाद सारे रुपए सड़क पर बिखरे पड़े थे। वे वहां तड़पते रहे लेकिन इस दौरान कुछ लोग ऋषभ की मदद करने के बजाय नोट अपनी जेबों में भरने और वीडियो बनाने में मशगूल हो गए।