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बाबा रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ अदालत ने पुलिस को जांच के दिए आदेश- पढ़े रिपोर्ट

   पतंजलि द्वारा कोरोनिल का जैसे ही उत्पादन किया देश ही नहीं विदेशों में भी तेजी से कोरोनिल की मांग बढ़ने लगी, किसके बाद कई लोग न्यायालय में गए और पतंजलि के खिलाफ मामले दर्ज कराते हुए उक्त दवा को लेकर पतंजलि पर झूठ बोलने का आरोप भी लगाया गया, इसी तरह का महाराष्ट्र के पुणे जिले मैं  भी मामला आया है। यहां की एक स्थानीय अदालत ने पुलिस से योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ दर्ज एक शिकायत के संबंध में एक रिपोर्ट दर्ज करने को कहा है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने झूठे दावे किए थे कि पतंजलि का उत्पाद 'कोरोनिल' कोरोना वायरस को ठीक कर सकता है। यह शिकायत एडवोकेट मदन कुरहे ने जुलाई 2020 में जुन्नार में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत में दायर की थी। न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) पीवी सपकाल ने अपने आदेश में जुन्नार थाने को इस मामले में 7 फरवरी तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। 

न्यायाधीश ने आदेश में कहा कि रिकॉर्ड से ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी इस अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर एक जगह पर रह रहे हैं, इसलिए कथित आरोपी के खिलाफ प्रक्रिया के मुद्दे को स्थगित करना और अपराध की प्रकृति को देखते हुए संबंधित पुलिस को निर्देश देना आवश्यक है कि पुलिस स्टेशन यह जांच करे कि मामले में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार है या नहीं।

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आदेश में आगे कहा गया है कि जुन्नार पुलिस स्टेशन के संबंधित अधिकारी को 7 फरवरी को या उससे पहले सीआरपीसी की धारा 202 (प्रक्रिया को स्थगित करना) के तहत अपनी रिपोर्ट इस अदालत में दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है। कुरहे ने शिकायत में दावा किया था कि पतंजलि के संस्थापक रामदेव और प्रबंध निदेशक बालकृष्ण ने मीडिया के सामने घोषणा की थी कि उन्होंने अपने उत्पादों कोरोनिल और स्वसारी के माध्यम से कोविड -19 के लिए 100 प्रतिशत इलाज विकसित किया है।

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