उत्तराखण्ड

लालकुआं क्षेत्र में पिता की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी बेटी……… दे दी जान………

लालकुआं। बच्चे परिवार में जिस अभिभावक को अपना रोल मॉडल समझते हुए हद से अधिक प्रेम करते हैं यदि उसे कुछ हो जाए तो वह इस शब्द में को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं, ऐसा ही एक मामला क्षेत्र में देखने को मिला है, जहां डेढ़ वर्ष पूर्व बीमारी के बाद हुई पिता की मौत के सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकी बेटी ने जहर खा लिया। हालत बिगड़ी तो लोग इसे देवी-देवता का प्रकोप समझने लगे, लेकिन जब उसने खुद जहर खाने की बात कही तो परिजन उसे अस्पताल लेकर दौड़े। चिकित्सकों ने के प्रयास के बावजूद उसकी जान नहीं बच सकी।
जयपुर बीसा हल्दूचौड़ लालकुआं निवासी राम सिंह-बिष्ट की तकरीबन डेढ़ साल पहले बीमारी से मौत हो गई। जिसके बाद परिवार टूट गया। राम सिंह की पत्नी भावना गृहणी हैं और सबसे बड़ी बेटी मंजू की शादी हो चुकी है। परिवार का भरण पोषण करने के लिए दूसरे नंबर की बेटी पायल, रुद्रपुर स्थित ब्रिटानिया कंपनी में काम करती थी। तीसरे नंबर की बेटी निकिता (17 वर्ष) और सबसे छोटा बेटा सूरज है। परिजनों का कहना है निकिता अपने पिता के बेहद करीब थी और उन्हें हर रोज याद करती थी। बुधवार को निकिता घर के पास स्थित मंदिर में भजन-कीर्तन में गई थी। रात में जब परिवार के सभी लोग सो गए तो उसने जहरीला पदार्थ खा लिया। कुछ देर बाद ही उसकी हालत बिगड़ने लगी। उसे उल्टियां होने लगीं। परिजनों को लगा कि यह देवी-देवता का चक्कर है, बाद में निकिता के बताने पर परिजन उसे लेकर एसटीएच पहुंचे, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
परिजनों के अनुसार महज 17 साल की निकिता धौलाखेड़ा स्थित एक स्कूल से 11वीं की छात्रा थी। परिजनों का कहना है कि ऐसा कोई दिन नहीं गुजरता था, जब निकिता अपने पिता को याद कर भावुक नहीं हो जाती थी। वह अपने पिता को इस हद तक प्यार करती थी कि खुद खाने से पहले वह एक निवाला अपने पिता के नाम का निकालती थी और हर रोज उस निवाले को पिता की तस्वीर के आगे रखती थी। कि पिता की मौत के गम में उसने जान दे दी।

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