
हरिद्वार। यहां उत्तराखंड के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में भगदड़ मचने से 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंच गई, और राहत-बचाव का कार्य शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि ये हादसा सीढ़ियों में करंट उतरने की अफवाह की वजह से हुआ है. जिला प्रशासन ने करंट वाली बात को खारिज कर दिया है। मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह भारी भीड़ जमा होने भगदड़ मच गई. इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए हैं. प्रशासन का कहना है कि मंदिर के मुख्य मार्ग पर काफी भीड़ जमा हो गई थी, जिसके कारण भगदड़ मच गई. घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक टीमें तत्काल मौके पर पहुंच गईं और राहत कार्य शुरू कर दिया गया है. वहीं, सीएम धामी ने घटना पर दुख जताया है।
जानकारी के अनुसार, हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर मार्ग पर रविवार को अचानक एक बिजली का हाई वोल्टेज तार गिरने से अफरा-तफरी मच गई। इस घटना के बाद वहां मौजूद श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई। भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई।
सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन हादसे के कारण क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि हादसे में घायल हुए कुल 35 श्रद्धालुओं को जिला अस्पताल में लाया गया है, जिसमें भगदड़ में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई है जबकि अन्य लोग घायल हैं। जिनमें से गंभीर अवस्था वाले मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार जनपद में स्थित मंशा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर हुई भगदड़ की घटना में 06 श्रद्धालुओं की मृत्यु होने पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में शोकसंतप्त परिवारों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना में मृतकों के परिजनों को 02-02 लाख और घायलों को 50 -50 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलाधिकारी हरिद्वार को घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं और जिलाधिकारी हरिद्वार को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा की जा रही है।
