देहरादून। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने शुक्रवार को समान नागरिक संहिता (UCC) पर अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक जारी कर दी। रिपोर्ट को सरकार के पोर्टल पर अपलोड किया गया है। अब इस रिपोर्ट को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा जाएगा।
राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार आगामी अक्टूबर से राज्य में इस कानून को लागू कर देगी। बता दें कि धामी सरकार गत फरवरी में यूसीसी को लेकर आई थी। इस यूसीसी के आधार पर एक रिसर्च रिपोर्ट तैयार की गई है। यूसीसी कानून के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए इस रिपोर्ट को सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
समाचार एजेंसी द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अगुवाई में बनी समिति ने यूसीसी लागू करने से जुड़े अन्य मामलों एवं प्रक्रियाओं पर नियम बना लिए हैं। रिपोर्ट तैयार हो जाने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा, ‘राज्य के लोगों ने यूसीसी के लिए हमें चुना था, यूसीसी के लिए मैं राज्य के लोगों को बधाई देता हूं। इस कानून में जो जटिलताएं थीं उसे आसान बनाया गया। लोगों को आसानी से न्याय मिलेगा और सभी के लिए कानून एक समान होगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई की अगुवाई वाली पांच सदस्यों की समिति ने गत फरवरी में यूसीसी पर 800 पेज की अपनी अंतिम मसौदा रिपोर्ट सौंपी। उत्तराखंड में यूसीसी के दायरे से आदिवासी समुदाय को बाहर रखा गया है। लिव इन में रहने वाले जोड़ों के लिए खास नियम बनाए गए हैं और मुस्लिम पर्सनल लॉ के बहु विवाह पर रोक लगाई गई है।
उत्तराखंड के यूसीसी में महिलाओं की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल की गई है। यूसीसी लागू हो जाने के बाद शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा। जबकि लिव इन में रहने वाले जोड़ों को अपने रिश्ते के बारे में माता-पिता को बताना अनिवार्य होगा। मुस्लिमों में हलाल और इद्दत की इजाजत नहीं होगी। साथ ही मुस्लिम समाज में प्रचलित बहु-विवाह की प्रथा पर रोक होगी। तलाक की स्थिति में यूसीसी कानून महिला और पुरुष दोनों को समान अधिकार देता है। इस यूसीसी की मसौदा रिपोर्ट में जनसंख्या पर रोक लगाने की सिफारिश की गई है।