निर्वाचन आयोग द्वारा बयान जारी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जब्त की गई है. प्रवर्तन एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी के कारण उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव 2022 में जब्ती का आकंड़ा 1000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है.
चुनाव आयोग ने निगरानी प्रक्रिया के जरिए चुनाव में धनबल के खतरे को रोकने के लिए आयोग के प्रयासों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है. चुनाव आयोग के अनुसार पांच चुनावों वाले राज्यों में से सबसे ज्यादा पंजाब में 510.91 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है, ये इस लिस्ट में सबसे ऊपर है. इसके बाद उत्तर प्रदेश (307.92 करोड़ रुपये) और मणिपुर (167.83 करोड़ रुपये) है. उत्तराखंड में चुनाव के दौरान 18.81 रुपये और गोवा के लिए 12.73 रुपये की जब्ती की गई.
1018.20 रुपये की कुल जब्ती में 140.29 करोड़ रुपये नकद, 99.84 करोड़ रुपये की शराब (82,07,221 लीटर), 569.52 करोड़ रुपये की दवाएं, 115.05 करोड़ रुपये की कीमती धातुएं और 93.5 करोड़ रुपये की अन्य वस्तुएं शामिल हैं. पंजाब से ही 376.19 करोड़ रुपये का नशीला पदार्थ बरामद किया गया था. चुनाव आयोग ने सीबीडीटी, सीबीआईसी, एनसीबी, उत्पाद शुल्क और सीमावर्ती राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों जैसे प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों के साथ चुनाव वाले राज्यों में ‘प्रलोभन मुक्त’ चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एक संपूर्ण रूपरेखा के लिए कई बैठकें की थीं.
आयोग ने राज्यों में आयोजित बैठकों के दौरान प्रवर्तन एजेंसियों और पुलिस नोडल अधिकारियों की व्यापक समीक्षा की, जिससे मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए बनाई गई वस्तुओं की करीबी और प्रभावी निगरानी पर जोर दिया जा सके. ईडी ने कहा कि इन राज्यों में 63 विधानसभा क्षेत्रों को अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया. पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव पहले ही संपन्न हो चुके हैं. इस बीच, उत्तर प्रदेश में सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के चार चरण संपन्न हो गए हैं. उत्तर प्रदेश में शेष तीन चरणों का मतदान 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को होगा. मणिपुर में विधानसभा चुनाव दो चरणों में 28 फरवरी और 5 मार्च को होंगे. सभी राज्यों में वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी।