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बढ़ते कोरोना मामलों के बाद लिया ‘एम्स’ नई दिल्ली ने लिया कड़ा फैसला —- जाने क्या क्या सुविधा रहेगी बंद

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने मरीजों की रुटीन भर्ती पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही, गैर जरूरी सर्जरी को भी बंद करने का फैसला किया है. ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे और राजधानी में बेलगाम हुए कोरोना केस के बाद एम्स की तरफ से यह कदम उठाया गया है. एम्स की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि एम्स में ओपीडी सर्विस नए और फॉलो-अप मरीजों के लिए सीमित प्रतिबंधित रजिस्ट्रेशन के साथ चालू रहेगी।

इसके साथ ही, सभी स्पेशियलिटी क्लीनिकों को फिलहाल बंद कर दिया जाएगा और स्पेशियलिटी क्लिनिक फॉलोअप मरीजों को केवल फॉलो-अप अपॉइंटमेंट स्लॉट में ही रजिस्टर्ड किया जाएगा. एम्स की तरफ से यहा कहा गया है कि सभी रूटीन मरीजों की भर्ती और गैर जरूरी सर्जरी कुछ समय के लिए बंद किया जाएगा।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार कोरोना केस केस बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने सत्येंद्र जैन ने बताया है कि 7 जनवरी को राजधानी में कुल 17 हजार मामले सामने आ सकते हैं. बता दें कि इससे पहले 6 जनवरी को दिल्ली में 15 हजार मामले सामने आए थे. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी बताया कि कैसे कोरोना का पॉजिटिविटी रेट तेजी से बढ़ता जा रहा है. उन्होंने बताया कि, पॉजिटिविटी रेट कल से 1-2% ज़्यादा होने की संभावना है. कल (6 जनवरी) पॉजिटिविटी रेट 15% के आस पास था, जो अब 7 जनवरी को 17-18% होने की संभावना है. जैन ने कहा कि, मुझे ऐसा लगता है कि ओमिक्रोन की लहर को देखते हुये जो पाबंदियां लगाई गईं वो ज़रूरी थी, बाद में पछताने से अच्छा है सख्ती बरतना.

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उन्होंने कहा कि साल की शुरुआत देश ने 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन से की थी. वहीं आज साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में ही, भारत 150 करोड़- 1.5 बिलियन वैक्सीन डोजेज़ का ऐतिहासिक मुकाम भी हासिल कर रहा है. आज भारत की वयस्क जनसंख्या में से 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की एक डोज लग चुकी है. सिर्फ 5 दिन के भीतर ही डेढ़ करोड़ से ज्यादा बच्चों को भी वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है. ये उपलब्धि पूरे देश की है, हर सरकार की है।

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