उत्तराखण्ड

उत्तराखंड से तस्करी कर ले जायी गई 10 लाख की खैर की लकड़ी वन विभाग ने 350 किलोमीटर दूर पकड़ी

लालकुआं। तराई केन्द्रीय वन प्रभाग के विभिन्न रेंजों से चोरी कर हरियाणा की फैक्ट्री में पहुंचाई जा रही बेशकीमती खैर की लकड़ी के 670 गिल्टे एवं ट्रक साढ़े 3 सौ किलोमीटर दूर जाकर जप्त करने में सफलता हासिल की है, वही तमाम तस्कर व फैक्ट्री मालिक मौके से फरार हो गये।
तराई केंद्रीय वन प्रभाग के छापा मार दल ने अंतर्राज्यीय अवैध खैर तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने में सफलता हासिल की है। वन विभाग की टीम ने लंबे समय से तराई केंद्रीय वन प्रभाग के विभिन्न रेंजों से बेसकीमती खैर की लकड़ी को चोरी कर दूसरे राज्यों में पहुंचाने वाले गैंग को पीछा करने के बाद दबोच लिया, हरियाणा राज्य के करनाल जनपद के थाना बुटाना ग्राम बैरसाल में उत्तराखंड से पहुंची वन विभाग की टीम ने छापेमारी कर भारी मात्रा में एकत्रित 250 क्विंटलब के 670 गिल्टे अवैध खैर की लकड़ी के बरामद किये, जिसकी बाजार में कीमत दस लाख रुपये बताई जा रही है। इस दौरान लकड़ी तस्कर और फैक्ट्री मालिक मौके का फायदा उठाकर फरार हो गए। वन विभाग ने लकड़ी जब्त कर तस्करों की पहचान के लिए छानबीन शुरू कर दी है।

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तराई केंद्रीय वन प्रभाग के डीएफओ यूसी तिवारी ने बताया कि उनके डिवीजन के कई रेंजों से पिछले काफी समय से बेसकीमती खैर की लकड़ी की तस्करी होने की सूचना मिल रही थी, इस बीच उन्हें गुप्त सूत्रों से सूचना मिली कि उनके यहां से तस्करी कर ले जाई गई लकड़ी हरियाणा राज्य के करनाल जनपद के थाना बुटाना ग्राम बैरसाल स्थित केदार हर्बल इंडस्ट्रीज के परिसर में एकत्रित की गई है, सूचना पर उन्होंने वन विभाग की टीम बनाकर वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम, वन क्षेत्राधिकारी पूरन जोशी, एसओजी प्रभारी कैलाश तिवारी सहित अन्य वनकर्मियों की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 350 किलोमीटर दूर जाकर उक्त फैक्ट्री में दबिश दी। छापेमारी के दौरान मौके का फायदा उठाकर फैक्ट्री मालिक व तस्कर भाग निकले। टीम ने मौके से 250 क्विंटल 670 नग खैर की लकड़ी और एक 14 टायरा ट्रक जब्त कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है।
फोटो परिचय- वन विभाग द्वारा हरियाणा जाकर पकड़ी गई अवैध खैर की लकड़ी व ट्रक

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