हाईवे में बैल से टकराने वाला वन कर्मी कैलाश आखिरकार उपचार के चौथे दिन जिंदगी की जंग हार गया, अश्रु पूर्ण नेत्रों से देर शाम हुआ अंतिम संस्कार
लालकुआं। तराई पूर्वी वन प्रभाग के डौली रेंज लालकुआं में वन आरक्षी पद पर तैनात एवं गत 11 अगस्त की रात को ड्यूटी को शांतिपुरी जा रहे कैलाश भाकुनी का सड़क दुर्घटना के बाद दिल्ली के एक निजी अस्पताल में चार दिन चले उपचार के बाद आखिरकार निधन हो गया। इसके बाद बुधवार की देर शाम अंतिम संस्कार रानीबाग स्थित चित्राशिला घाट पर किया गया।
विदित रहे कि बीती 11 अगस्त रात्रि लगभग 12:30 बजे शांतिपुरी बैरियर को मोटरसाइकिल से ड्यूटी जाते समय वन आरक्षी कैलाश भाकुनी नगला के पास एक सांड से जोरदार भिड़ंत हो गई थी, उक्त दुर्घटना में उनके सिर में गंभीर चोट लग गई। सूचना मिलते ही वन कर्मियों ने उन्हें रुद्रपुर स्थित एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया, मगर नाजुक हालत देखते हुए परिजन उन्हें राम मूर्ति चिकित्सालय बरेली लेकर रवाना हो गए, यहां भी कोई लाभ नहीं मिला, चिकित्सकों ने उन्हें दिल्ली को रेफर कर दिया जिसके बाद उन्हें दिल्ली के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था मगर उपचार के दौरान उन्होंने गत दिवस अंतिम सांस ली। और पोस्टमार्टम के बाद उनके शव को आज लालकुआं डॉली रेंज के फॉरेस्ट कंपाउंड स्थित घर में लाया गया, जहां घटना की जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया, वहीं क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त हो गई, वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं, जिसमे उनकी धर्मपत्नी कमला भाकुनी के अलावा लगभग 8 वर्षीय पुत्री और 1 वर्षीय नन्हा बालक है। कैलाश भाकुनी के तीन भाई है जिनका रो रो कर बुरा हाल है, वह क्षेत्र में अत्यंत मृदभाषी एवं मिलनसार वनकर्मी के रूप में जाने जाते थे। कैलाश की मौत से जहां क्षेत्र में शोक की लहर है, वही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, उनके निधन पर तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बांगड़ी, एसडीओ अनिल जोशी, वन क्षेत्राधिकारी डॉली नवीन पवार, वन क्षेत्राधिकारी गौला चंदन सिंह अधिकारी, डिप्टी रेंजर मनोज जोशी, क्षेत्रीय सांसद अजय भट्ट, विधायक डॉ मोहन बिष्ट, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल, पूर्व विधायक नवीन दुम्का, लालकुआं भाजपा के मंडल अध्यक्ष धन सिंह बिष्ट सहित तमाम क्षेत्रवासियों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
फाइल फोटो- कैलाश भाकुनी