पूर्व सीएम हरीश रावत के ट्वीट से कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति भी गरमा चुकी है। इस बीच पार्टी कार्यकर्ताओ ने एक अभियान चला कर यह संदेश दे दिया है कि हरदा जहां होगे वे भी वही होंगे ,सियासी हलको मे हरदा की यूकेडी अध्यक्ष काशी सिह ऐरी से की गई मुलाकात को गेम चेन्जर बताया जा रहा है। इस बीच राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा जागेश्वर विधायक व पूर्व विस अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और धारचूला विधायक हरीश धामी खुलकर पूर्व सीएम के पक्ष में उतर चुके हैं। इन सबका कहना है कि पार्टी हरीश रावत को सीएम उम्मीदवार घोषित करें । कुंजवाल ने तो स्पष्ट कह दिया कि जहां हरीश रावत जाएंगे वहां हम सब जाएंगे। वहीं, विधायक धामी ने कहा है कि अगर हरदा को सीएम नहीं बनाया तो अलग लाइन में खड़े होने वालों में वह सबसे आगे होंगे। हरदा गुट से जुड़े नेता पार्टी के विरोधी खेमे पर अब खुलकर निशाना साध रहे हैं। इस बीच हरीश रावत की उक्रांद अध्यक्ष काशी सिहं ऐरी से मुलाकात की खबरे है । यदि काग्रेंस का विवाद नही सुलझा तो हरीश रावत यूकेडी से बात कर सकते है। ऐसी अटकलों का बाजार अब सियासी जानकार गर्म करने लगे हैं। यदि कल दिल्ली में उत्तराखंड कांग्रेस के दिग्गजों के साथ पार्टी हाईकमान की महत्वपूर्ण बातचीत में हरदा विवाद नहीं सुलझा तो आने वाले समय में उत्तराखंड कांग्रेस के लिए समस्याएं बहुत अधिक बढ़ सकती है हरीश रावत की नाराजगी आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुत भारी पढ़ सकती है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को लेकर हो रही बयानबाजी के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल सहित कांग्रेस के दर्जनों वरिष्ठ नेताओं ने हरीश रावत को आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की जोरदार मांग की है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने अपने बयानों में कहा कि संसदीय अनुभव, सांगठनिक अनुभव एवं पूर्व में मुख्यमंत्री के रूप में प्रशासनिक क्षमता एवं अनुभव को ध्यान में रखते हुए हरीश रावत को 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरीश रावत उत्तराखंड के सर्वमान्य नेता है। और वर्तमान में लोकप्रियता में भी हरीश रावत सर्वोच्च स्थान पर हैं। उत्तराखंड के आम जनमानस की पहली पसंद हरीश रावत हैं, उनकी सर्वोच्च लोकप्रियता का लाभ आने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके मिलेगा। क्योंकि उनके मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में समाज के हर वर्ग के लिए जन कल्याणकारी योजनाएं चलवाई की गई थी, जिससे आम जनता लाभान्वित भी हो रही थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने इन सभी कल्याणकारी योजनाओं को या तो बंद कर दिया है या उनका नाम बदल दिया है।
पूर्व दर्जा राज्यमंत्री एवं किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस के उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को तत्काल इस पद से मुक्त किया जाए। क्योंकि उनके पद पर रहने से राज्य में पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने पार्टी हाईकमान से मांग की कि अविलंब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए अन्यथा कांग्रेस को फतह हासिल करने में मुश्किलें आएंगी।
इधर काररोड बिंदुखत्ता में कांग्रेस कार्यकर्ताओ की बैठक में सर्व सहमति से वर्तमान में उत्तराखंड प्रदेश के चुनाव संचालन अभियान के चेयरमैन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा किए जा रहे प्रयासों में अड़चन पैदा करने वालों की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी को ज्ञापन प्रेषित किया गया इसमें मांग की गई कि विधानसभा चुनाव 2022 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया जाए। बैठक में भूमिहीन संगठन के अध्यक्ष धर्म सिंह, किसान कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री गिरधर बम, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजेंद्र सिंह चौहान, पुष्कर दानू, लक्ष्मण धपोला और मोहन कुड़ाई सहित दर्जनों की संख्या में वरिष्ठ कांग्रेसी मौजूद थे।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और यूकेडी सुप्रीमो काशी सिंह ऐरी की मुलाकात के मायने—– वरिष्ठ कांग्रेसियों की रावत को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने की मांग
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