देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बीते दिनों मुस्लिम समुदाय से संबंधित एक रील वायरल होने के मामले में हरीश रावत द्वारा नेहरू कॉलोनी स्थित थाने में जाकर चार घंटा धरना प्रदर्शन करने के बाद पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनकी एआई से बनी वायरल रील को लेकर भाजपा पर आरोप लगाए और थाने के सामने प्रदर्शन किया। इसके साथ ही वह एफआईआर दर्ज कराने नेहरू कालोनी थाने पहुंचे थे। लगभग चार घंटा धरना देने के बाद आखिरकार पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है।
इस दौरान पूर्व सीएम ने भाजपा पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाया है।
कहा कि हरीश रावत ने कहा था कि उन्होंने कहा कि 2017 में भी भाजपा ने झूठ बुलवाया। शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए छुट्टी करवाएं। 2022 में भी झूठ बोला। कहा कि कांग्रेस ने कहा कि सत्ता में आएंगे तो मुस्लिम यूनिवर्सिटी खुलवाएंगे। अब एआई का सहारा लेकर मुझ पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। अब मैंने प्रमाण दो यात्रा निकाली, लेकिन उनके पास कोई उत्तर नहीं दिया है।
मुझे देश द्रोही बताया जा रहा है। पाकिस्तान को सूचनाएं देने वाला बताया जा रहा है। एआई से प्रपंच रचकर भाजपा फिर से झूठ का सहारा ले रही है। इस बार मैंने तय किया कि प्राण तो चले जाएंगे, मगर भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करूंगा। भाजपा के झूठ की हांडी को इस बार हम किसी भी कीमत पर चढ़ने नहीं देंगे।
बता दें कि एआई से बनी इस रील की शुरुआत में रावत कहते दिख रहे हैं, मुस्लिम शरणम गच्छामि, मजार शरणम गच्छामि, लव जिहाद शरणम गच्छामि” (मैं मुसलमानों की शरण में जाता हूं, मैं मजारों की शरण में जाता हूं, मैं ‘लव जिहाद’ की शरण में जाता हूं)। इसके बाद की तस्वीरों में एक मजार का निर्माण और कुछ लोग मुस्कुराते हुए और उत्तराखंड की देवभूमि’ को ‘मजारों की भूमि में बदलने के बारे में बात करते हुए दिख रहे हैं।
रील के आखिर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पुलिस और बुलडोजर के साथ चलते हुए दिख रहे हैं। 29 सेकंड की इस रील में कहा गया है, सत्ता की लालच में अंधी कांग्रेस ने हमेशा सिर्फ कुर्सी की परवाह की है, भले ही इसके लिए देवभूमि की पवित्रता से समझौता करना पड़े। वोट बैंक की राजनीति के लालच में, कांग्रेस ने पहाड़ों की डेमोग्राफी को पूरी तरह से बदल दिया था, लेकिन अब और नहीं।
इधर मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके समर्थकों ने अपर पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार के साथ बैठक की, इस दौरान उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से भी दूरभाष पर वार्ता की, जिसमें एसएसपी ने उन्हें मामले में दुष्प्रचार कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है, जिसके बाद पूर्व सीएम शांत हुए।





