हल्द्वानी। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के राज्यपाल पद पर रहते हुए नैनीताल स्थित आवासीय विद्यालय के नाम पर उद्योगपति अनंत अंबानी की ओर से कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये का चंदा लेने के मामले में नया मोड़ आ गया है। इंटरनेट मीडिया पर आरोपों को नकारते हुए कोश्यारी के भतीजे दीपेंद्र कोश्यारी की ओर से आरोप लगाने वाले चार लोगों के विरुद्ध सौ करोड़ की मानहानि का दावा किया है। दीपेंद्र के अधिवक्ता की ओर से महाराष्ट्र के आरटीआइ कार्यकर्ता अनिल गलगली, शिवसेना (उद्धव) के प्रमुख, पूर्व मुख्यमंत्री व सामना के प्रधान संपादक उद्धव ठाकरे, शिवसेना नेता व सामना के संपादक संजय राउत, प्रकाशक विवेक कदम को विधिक नोटिस जारी किया गया है। अधिवक्ता के अनुसार जल्द मामले में कोर्ट में अपराधिक मामला भी दर्ज करवाया जाएगा। पिछले दिनों महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर राज्यपाल पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। आरोप था कि कोश्यारी ने नैनीताल स्थिति स्कूल के नाम पर अनंत अंबानी से 15 करोड़ रुपये लिए। शिक्षण संस्थान के नाम पर ली गई रकम से उनके भतीजे ने जमीन खरीद रिजार्ट का निर्माण कर लिया है। जिसके बाद से ही मामला इंटरनेट मीडिया पर छा गया। अब आरोप लगाने वालों के विरुद्ध कोश्यारी ने भी पलटवार किया है। कोश्यारी के अधिवक्ता गणेश कांडपाल ने बताया कि नोटिस में कहा गया है कि उनकी ओर से व्यक्तिगत रूप से कोई चंदा नहीं लिया गया है। अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से संचालित नैनीताल के पार्वती प्रेमा जगाती स्कूल जो बीते 40 वर्षों से संचालित किया जा रहा है, उसे अनंत अंबानी की ओर से स्वेच्छा से चंदा दिया गया है। स्कूल के खाते में ही पैसा आया होगा। इस संस्थान से व्यक्तिगत तौर पर उनका या उनके परिवार का कोई व्यक्ति जुड़ा नहीं है। अनर्गल बयानबाजी कर लोकसभा चुनाव के समय उन्हें बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।
महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उठाया यह कठोर कदम…………… सख्त निर्णय लेने की यह थी वजह…………..
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