हल्द्वानी। खनन कार्य में निष्क्रियता को देखते हुए जिला खनन समिति ने कड़ा कदम उठाते हुए ऐसे 2000 वाहनों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने का फैसला किया है। समिति की हालिया बैठक में वन निगम ने लगभग 2000 ऐसे डंपरों के रजिस्ट्रेशन निरस्त करने का प्रस्ताव रखा, जो लंबे समय से खनन में सक्रिय नहीं हैं। इस कदम से नंधौर में खनन लक्ष्य को पूरा करने में आसानी होगी। इसके बाद नए सिरे से वाहनों का पंजीकरण किया जाएगा।
वर्तमान में नंधौर नदी के 6 गेटों पर खनन कार्य के लिए करीब 4000 से अधिक डंपर रजिस्टर्ड हैं, लेकिन इनमें से आधे से ज्यादा वाहन पिछले दो साल से खनन कार्य में बिल्कुल सक्रिय नहीं हैं। इन निष्क्रिय डंपरों के कारण खनन के निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल साबित हो रहा है। समिति की बैठक में वन निगम के अधिकारियों ने 2000 खनन वाहनों के रजिस्ट्रेशन को निरस्त करने का प्रस्ताव दिया है। इन डंपरों के रजिस्ट्रेशन निरस्त होने के बाद डंपरों की नए सिरे से रजिस्टर किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
06 गेटों पर खनन के लिए करीब 4000 से ज्यादा डंपर है रजिस्टर
खनन समिति की बैठक में वन निगम ने निरस्तीकरण का दिया प्रस्ताव,
7 नवंबर से गौला व नंधौर के गेटों खोल दिया जाएगा। 24 नवंबर को केन्द्रीय जल व मृद्धा टीम गौला व नंधौर का फाइनल सर्वे करेगी। इसके बाद खनन का अंतिम लक्ष्य जारी करेंगी।
नंधौर में रजिस्टर 2000 से अधिक खनन वाहन निष्क्रिय हैं। इन डंपरों के रजिस्ट्रेशन को निरस्त कर नए सिरे से वाहनों को रजिस्टर किया जाएगा। इसको लेकर जिला खनन समिति की बैठक में प्रस्ताव दिया गया है। वहीं गौला व नंधौर के खनन गेटों को सात नवंबर से खोला जाएगा। धीरेश सिंह बिष्ट, डीएलएम, वन निगम –





