लालकुआं। ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में बीकाम आनर्स के छात्र दिव्यांशु पांडे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि नहीं हो सकी है। पुलिस के अनुसार, दिव्यांशु ने सात नवंबर को सुमित को सरप्राइज देने के लिए जंगल में बुलाया। सुमित जंगल पहुंचा तो वहां दिव्यांशु की लाश लटकी थी।
हल्दूचौड़ के दौलिया डी दिव्यांशु क्लास हल्दूचौड़ निवासी 20 वर्षीय दिव्यांशु का शव तीन दिन पहले मंडी बाईपास के पास जंगल में मिला था। इस मामले में पुलिस ने दिव्यांशु के दोस्त बरेली रोड निवासी सुमित यादव के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में प्राथमिकी की है। पुलिस 24 घंटे से सुमित व उसके एक दोस्त से पूछताछ कर रही है। पूछताछ के दौरान पुलिस को सुमित ने बताया कि उसकी दोस्ती दिव्यांशु से एक ऐप के जरिये हुई। एप से ही एक-दूसरे का नंबर लिया। एक साल पहले दोनों नैनीताल रोड स्थित एक पार्क में मिले। दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। दोनों एक-दूसरे को तोहफें देते थे। कुछ समय पहले सुमित की एक अन्य लड़के से दोस्ती हो गई। इससे सुमित का दिव्यांशु से मिलना कम हो गया। इसी वजह से दोनों में तकरार हो गई। दोनों में बढ़ती दूरी से दिव्यांशु को अंदाजा हो गया कि अब उनकी दोस्ती टूट चुकी है। सात दिसंबर को दिव्यांशु उसी जंगल में पहुंचा, जहां दोनों मिलते थे। दिव्यांशु ने सुमित को फोन किया और कहा कि उसके लिए जंगल में सरप्राइज है। सुमित एक दोस्त के साथ जंगल पहुंच गया। उसने दोस्त को सड़क पर ही इंतजार करने को कहा। वह जंगल के अंदर पहुंचा तो पेड़ से दिव्यांशु की लाश लटक रही थी। दिव्यांशु ने फंदा बनाने के लिए उस लाल टी-शर्ट का इस्तेमाल किया, जिसे सुमित ने उसे तोहफे में दी थी।
दीव्यांशु ने ही जलाए थे उपहार में मिले कपड़े
पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस जांच में सामने आया है कि सुमित दिव्यांशु को कभी शर्ट, कभी जैकेट और कभी अन्य सामान उपहार दिया करता था। दिव्यांशु को जब इस बात का यकीन हो गया कि अब दोस्ती में पड़ी दरार नहीं भरेगी तो उसने सुमित के दिए सारे उपहार जला दिए। इसके बाद उसने सुमित को फोन कर इसकी जानकारी भी दी। जंगल में जले कपड़े भी उपहार के थे।