उत्तराखण्ड

देवभूमि में हैवानियत:- बेटे को बेचा, बेटी का भी गला घोंटा…………. कई महिलाओं को यातनाएं देकर बनाया हवस का शिकार……………

देवभूमि उत्तराखंड में शर्मसार करने वाली घटना यहां किच्छा क्षेत्र में सामने आई है जहां दो पत्नियों की हत्या के आरोपित पति ने तीसरे के साथ अमानवीय यातना की हदें पार कर कर दी। नवजात बेटे को चंद रुपयों के लिए बेच दिया और फिर मासूम बेटी की निर्मम हत्या कर डाली, यह किसी फिल्म की कहानी नहीं बल्कि बहुत ही खतरनाक साबित हो चुके संतोष की कड़वी सच्चाई है। पुलिस जांच में उसकी दरिंदगी की कहानियां जैसे- जैसे सामने आ रही हैं, सुनकर लोगों की रूह कांप जा रही है। उसके अपने परिजन ही उससे दहशत में हैं।
किच्छा कोतवाली क्षेत्र के प्रतापपुर कालोनी निवासी संतोष ने अपनी दूसरी पत्नी केदल की हत्या कर शव नाले में गाड़ दिया था। इसके बाद साली के साथ रहने लगा। पहली पत्नी के पुत्र की शिकायत पर पुलिस ने संतोष को गिरफ्तार कर गुरुवार देर रात शव बरामद कर लिया। ग्रामीणों के अनुसार उसने पहली पत्नी को भी घर में जिंदा जला दिया था। लेकिन तब गवाह न होने के कारण
बच निकला था। इलेक्ट्रिशियन संतोष ने केदल को पहले प्रताड़ित किया था। उसे गुप्तांग तक में राड से वार किया था। शिकायत पर जेल भेजा गया। रिहा होने के बाद दो माह पूर्व उसकी हत्या करने के बाद शव पंतनगर थाना क्षेत्र में ले जाकर नाले में गाड़ दिया। उसके बाद केदल की छोटी बहन को उत्तर प्रदेश के देवरिया से लाकर अपने साथ रख लिया। संतोष की पहली पत्नी के बेटे क उदय के बयान पर पुलिस ने जघन्य हत्याकांड में संतोष को हिरासत में स लेकर पूछताछ शुरू की तो उसने हत्या की बात स्वीकार ली।
केदल के पहली बार गर्भवती होने पर उसकी देखभाल के लिए आई छोटी बहन केवल से भी विवाह कर उसे अपने पास ही रख लिया। इसकी भनक लगने पर केदल के माता-पिता अपनी छोटी बेटी को लेकर अपने साथ चले गए। पत्नी की हत्या करने के बाद वह अपने ससुराल देवरिया गया और केदल की छोटी नाबालिग बहन को बच्चों की देखभाल के लिए भेजने की जिद करने लगा। मजबूर होकर ससुराल वालों ने उसे संतोष के साथ भेज दिया। उसे भी उसने नहीं बक्शा और शारीरिक यातनाएं देना शुरू कर दी। प्लास से उसके हाथ के नाखून तक खींच लिए।
दस वर्ष पूर्व बिलासपुर निवासी संतोष की पहली पत्नी रंभा की जलकर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थीं। अब आरोप लग रहा है कि संतोष ने ही उसे ठिकाने लगाया था। इसके बाद सात वर्ष पहले देवरिया उत्तर प्रदेश निवासी केदल के साथ विवाह कर उसे ले आया। केदल को भी लगातार प्रताड़ित कर उस पर अपने भाई के साथ अवैध संबंध होने का आरोप लगाता था। पत्नी को बुरी तरह से शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया तो उसने कोतवाली में शिकायत कर दी। जिससे उसे तीन माह तक जेल में रहना पड़ा। लौटा तो केदल की हत्या का शव ठिकाने लगाने के बाद गांव में ही नहीं अपनी ससुराल में यह बात फैला दी कि केदल किसी के साथ भाग गई, हालांकि स्व इसकी शिकायत पुलिस से नहीं की।
केदल को पहली बेटी के जन्म के बाद जब दूसरा बेटा हुआ तो उसे 10 हजार में लालपुर की नर्स के माध्यम से बेच दिया। उसके बाद जब केदल को तीसरी संतान बेटी हुई तो गला घोंटकर हत्या कर दी। उसकी परिवार में इतनी दहशत थी कि कोई भी उसके सामने बोलने का साहस नहीं कर पाता था। लगातार बढ़ रही यातनाओं के कारण ही उसके बड़े बेटे ने अपने रिश्ते के फूफा के घर पर शरण ली। वहीं से मामला पुलिस तक पहुंचा और खतरनाक हत्यारे संतोष दबोचा गया।

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