उत्तराखण्ड

हल्द्वानी नगर निगम चुनाव:- नवीन वर्मा की भाजपा में एंट्री के बाद गजराज बिष्ट ने की मेयर के लिए दावेदारी………………. दिग्गज बीजेपी नेता सोशल मीडिया में खुलेआम डालने लगे हैं इस तरह की पोस्ट…………. आने वाला समय भाजपा के लिए असहज……………….

हल्द्वानी। भारतीय जनता पार्टी की हल्द्वानी की सियासत अब गरमाती जा रही है। भाजपा के आकाओं को जौहरी बनकर असली हीरे की पहचान करनी हैं, लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक आकाओं के सामने भारी चुनौती आ पड़ी है, क्योंकि व्यापारी नेता नवीन वर्मा की भाजपा में एंट्री के बाद भाजपा के अधिकांश नेता दिग्गज भाजपाई गजराज बिष्ट की खुलेआम पैरवी करने लगे हैं, एक दिन नवीन वर्मा की सदस्यता टलने के बाद अगले दिन वह भाजपा में शामिल हो तो गए परंतु उनके आते ही हल्द्वानी के दिग्गज भाजपाई खुलेआम गजराज बिष्ट के पक्ष में सोशल मीडिया में पोस्ट डाल रहे हैं, यहां तक कि भाजपा नेताओं का कहना है कि जब हमारे पास मजबूत दावेदार है तो बाहरी व्यक्ति को टिकट देने के बारे में पार्टी सोच भी क्यों रही है, इसके साथ ही राजनीति के पुराने खिलाड़ी गजराज बिष्ट के समर्थकों ने उन्हें टिकट देने की मांग को लेकर जबरदस्त माहौल बनाने के बाद मामले को गर्मा दिया है,
कल तक गुपचुप तरीके से और अब खुलेआम हल्द्वानी क्षेत्र के लोग पोस्ट डाल रहे हैं कि गजराज सिंह बिष्ट भी ओबीसी कोटे के तहत जबरदस्त पात्रता रखते हैं।
गजराज बिष्ट हल्द्वानी के आसपास करीब 30 -35 वर्ष से लगातार पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें पार्टी की ओर से चुनावी मैदान में उतरने का मौका नहीं मिला है।
गजराज कालाढूंगी क्षेत्र से काफी लंबे समय से टिकट की मांग कर रहे हैं लेकिन नैनीताल जिले के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक बंशीधर भगत की यहां मौजूदगी उनके टिकट में हमेशा रोड़ा अटकाती रहीं। यानी भगत जी की वरिष्ठता के आगे वह हमेशा बैकफुट पर रहे।
हालांकि आज गजराज बिष्ट ने विधिवत रूप से हल्द्वानी नगर निगम के लिए भाजपा में टिकट के लिए दावेदारी ठोक दी है।
इससे निश्चित रूप से कहीं न कहीं उनकी दावेदारी पर पार्टी को गंभीर रूप से विचार करना पड़ेगा, पार्टी का उन्हें अनदेखा करना भारी भी पढ़ सकता है।
इधर व्यापारी नेता नवीन वर्मा आखिरकार भाजपा ओबीसी पार्टी पदाधिकारियो के विरोध के बावजूद पार्टी में शामिल हो गए, इसके लिए चर्चा है कि कहीं ना कहीं किसी बड़े नेता की बड़ी सिफारिश के चलते पार्टी के नेताओं का विरोध दरकिनार कर उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया गया। एक समय दिवंगत कैबिनेट मंत्री इंदिरा ह्रदयेश के बहुत करीबी रहे नवीन वर्मा कांग्रेस के बजाय भाजपा में शामिल हुए हैं, तो इसका यह अर्थ निकाला जा रहा है कि पूरे भरोसे के बाद ही पार्टी में आए होंगे, परंतु गजराज को भी हल्के में लेना ठीक नहीं होगा, कुल मिलाकर यह दोनों नेता आने वाले कुछ दिनों में पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं, और कांग्रेस पार्टी भी इसी घड़ी का इंतजार कर रही है। वहीं लालकुआं के दिग्गज बीजेपी नेता पूर्व में भाजपा अनुशासन समिति के अध्यक्ष रहे नवीन दुम्का ने भी फेसबुक में पोस्ट डालकर अपने नेताओं पर विश्वास करना छोड़ बाहरी लोगों को पार्टी में शामिल कर उन्हें लड़ाने की परंपरा पर व्यंग किया है।

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