उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के आगामी होने वाले महामुकाबले का प्रचंड शंखनाद के साथ शुभारंभ करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देहरादून में कविता का पाठ किया तो हर सख्श जोश और उत्साह से भर गया। हांलाकि परेड ग्राउंड में भाजपा की रैली में भीड़ कम होने का राग अलापते हुए कांग्रेस ने तीखा हमला बोलने में भी देर नहीं लगाई। इतना ही नहीं ऐन मौके पर चौका मारने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ‘हरदा’ ने भी अब अपने ही अंदाज में काव्य प्रहार किया है। कांग्रेस चुनाव संचालन कमेटी के अध्यक्ष पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा है कि प्रधानमंत्री जी आये, जुमलों की बरसात कर गये। इस दौरान उन्होंने एक व्यंगात्मक कविता सुनाते हुए कहा कि मेरे मन में भी कुछ भाव उपजे, प्रधानमंत्री जी कहते हैं,
“जब-जब मैं आता हूंँ, उत्तराखंड तेरे गीत गाता हूँ,
कभी केदार का नाम लेकर, कभी गंगा का नाम लेकर,
उत्तराखंड वादियों को बहलाता हूं,मैं जब-जब उत्तराखंड आता हूं, तुमको कुछ नये गीत सुनाता हूंँ।
विदित रहे कि अपने संबोधन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने देवभूमि और उत्तराखंड की जनता को समर्पित एक कविता का गुणगान किया था। जिसमें उन्होंने कहा है कि
जहां पवन बहे संकल्प लिये, जहां पर्वत गर्व सिखाते हैं
जब उंचे नीचे सब रस्ते बस भक्ति के सुर में गाते हैं
उस देवभूमि के ध्यान से ही, मैं सदा धन्य हो जाता हूं
है भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा, मैं तुमको शीश नवाता हूं।
मंडवे की रोटी हुड़के की थाप
हर एक मन करता, शिवजी का झाप
ऋशि मुनियों की है ये तपोभूमि, कितने वीरों की ये जन्म भूमि
मैं देवभूमि मैं आता हूं, मैं तुमको शीश नवाता हूं, धन्य धन्य हो जाता हूं।
प्रधानमंत्री की कविता पर कटाक्ष करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरदा द्वारा कविता का व्यंगात्मक रसपान किया गया। उसकी रविवार को पूरे दिन भर राज्य के साथ-साथ दूसरे प्रदेशों में भी खूब चर्चा हुई।
पीएम मोदी द्वारा देवभूमि को लेकर सुनाई गई कविता का हरदा ने व्यंगात्मक रूप से कविता पाठ कर दिया जवाब
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