इस क्षेत्र की बसासत को वैसे तो 100 वर्ष से अधिक समय हो चुके हैं, परंतु अत्यधिक आबादी पिछले 50 वर्षों में क्षेत्र में बढ़ी है। लेकिन स्वास्थ्य सेवाएं यहां वहीं 50 वर्ष पूर्व वाली आज भी बनी हुई है। जितनी व्यवस्था 50 वर्ष पूर्व थी चिकित्सकीय क्षेत्र में वही आज भी विद्यमान है। लालकुआं चेयरमैन ने दिशा की बैठक में लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे की सुविधा ना होने के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे उठाने के बाद क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं की बदतर हालत पर याद ताजा हो गई।
कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी से जहां दर्जनों नेतागण लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनने के लिए दावेदारी कर रहे हैं। वही इस विधानसभा क्षेत्र से बड़े-बड़े कैबिनेट मंत्री आज तक बने और 5 साल तक उन्होंने सत्ता का आनंद लिया। तथा मौजूदा दौर में भी भारतीय जनता पार्टी से क्षेत्र में विधायक का दायित्व संभाले नवीन दुम्का भी अब अपना कार्यकाल लगभग लगभग समाप्त कर चुके हैं। परंतु किसी कोई भी लगभग एक लाख की आबादी के बीच बिंदुखत्ता, लालकुआं या फिर अपने गृह क्षेत्र हल्दूचौड़ में एक अल्ट्रासाउंड मशीन और एक्स-रे मशीन स्थापित नहीं करवा पाये। यहां तक कि किच्छा से हल्द्वानी तक 40 किलोमीटर के क्षेत्र के सेंटर पॉइंट लालकुआं में दोपहर 2 बजे बाद प्राथमिक उपचार का चिकित्सालय तक नहीं है। लालकुआं का प्राथमिक चिकित्सालय दोपहर 2 बजे बंद हो जाता है। इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य गेट में मोटे मोटे ताले लग जाते हैं।
दिशा की बैठक में नगर पंचायत अध्यक्ष लाल चंद्र सिंह ने केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और जिलाधिकारी के समक्ष लालकुआं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बदहाल हालत उसके दोपहर 2 बजे बाद बंद हो जाने की गंभीर समस्या से अवगत कराया। नगर पंचायत अध्यक्ष ने बैठक के दौरान मुद्दा उठाया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दोपहर 2 बजे बंद हो जाता है, उसके बाद क्षेत्र की एक लाख से अधिक आबादी को प्राथमिक उपचार के लिए दूसरे शहरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
कई बार क्षेत्र में सड़क दुर्घटना होने पर गंभीर रूप से घायल रोगी प्राथमिक उपचार उपलब्ध ना होने के चलते हल्द्वानी जाने तक दम तोड़ चुके हैं। परंतु यहां के जनप्रतिनिधियों ने आज तक इस बारे में कोई पहल नहीं की हैं। जबकि अल्ट्रासाउंड सुविधा यहां नहीं होने से बिंदुखत्ता के दूरस्थ क्षेत्रों, लालकुआं और बरेली रोड के हजारों लोग हल्द्वानी या रुद्रपुर जाकर अपना पूरा दिन इसी काम में लगाने के लिए लंबे समय से मजबूर है। बड़े-बड़े दावे करने वाले स्थानीय नेतागण स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति पूरी तरह अनजान बने हुए हैं। जबकि क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं बिल्कुल बदहाल हैं। यहां तक की स्थानीय विधायक के गृह क्षेत्र में 30 बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आज तक तैयार नहीं हो सका है। लगता है कि पिछली सरकार के दौरान कार्य शुरू होने के बावजूद इस अस्पताल का उद्घाटन भी अगली सरकार में ही होगा।