लालकुआं। में आयोजित
श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस आज प्रसिद्ध कथावाचक स्वामी नारायण चैतन्य महाराज ने भगवान को भाव का भूखा बताते हुवे कहा कि भाव के वशीभूत होकर योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन के राज महल में जाने से इंकार कर महात्मा विदुर के घर में भोजन करना ज्यादा उचित समझा, उन्होंने कहा कि अर्जुन ने भाव के जरिए ही योगेश्वर श्री कृष्ण से अपना हक लिया, और उन्हें अपना साथी बना दिया, उन्होंने कहा कि भगवान न किसी दबाव में काम करते हैं ना किसी प्रभाव में भगवान सिर्फ भाव में काम करते हैं।
ब्यास महाराज ने कहा कि कामना रहित होकर प्रत्येक कर्म को योगेश्वर श्रीकृष्ण के चरणों में अर्पित करना ही श्रेष्ठ है। क्योंकि कामना भक्त और भगवान के बीच में सबसे बड़ी बाधा होती है, आज कथा के सप्तम दिवस पर स्वामीनारायण चैतन्य ने रुकमणी सत्यभामा आदि प्रसंगों के अलावा बाणासुर युद्ध, अनिरुद्ध और उषा का विवाह, जरासंध वध, राजसूय यज्ञ, अग्रपूजा, शिशुपाल वध का बहुत ही मार्मिक वर्णन किया।
इसके अलावा उन्होंने राजा परीक्षित द्वारा सुकदेव मुनि से सुदामाचरित्र सुनाए जाने की कथा का सुंदर वर्णन किया, जो भगवान का भक्त भी है और मित्र भी। इधर श्रीमद् भागवत कथा को लेकर श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह दिखाई दे रहा था, बड़ी संख्या में लोग कथा पंडाल में पहुंचकर श्रीमद् भागवत कथा का अमृत पान कर रहे थे।
इस अवसर पर मुख्य यजमान रामबाबू मिश्रा उर्मिला मिश्रा, वरिष्ठ व्यवसाई रजत शर्मा, साधना शर्मा, अखिलेश मिश्रा, नगर पंचायत अध्यक्ष लाल चंद्र सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल, भाजपा बिंदुखत्ता मंडल अध्यक्ष दीपक जोशी, नंदकिशोर कपिल, रमेश उपाध्याय, बीबी मिश्रा, सीबी सिंह, संजय सिंह, संजीव शर्मा, रविशंकर तिवारी, जीवन कबडवाल, हरीश बिसौती, रमेश पलडिया, जगदीश चंद्र अग्रवाल, हेमंत पांडे, पंकज बत्रा, कुलदीप मिश्रा, सुभाष नगर, भवानी शंकर त्रिपाठी, उमेश तिवारी, योगेश उपाध्याय, विमला गोयल, मीना रावत, तारा पांडे, चंद्रा खाती, गीता भट्ट, बीना जोशी, चंद्रकला मेलकानी, हीरा खाती, दीपाली मिश्रा समेत सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।
फोटो परिचय- श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करते श्रद्धालु
फोटो परिचय- कथा सुनाते व्यास स्वामीनारायण चैतन्य महाराज