उत्तराखण्ड

उत्तराखंड कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न डेढ़ दर्जन प्रस्ताव पारित….. पॉलिटेक्निक, शिक्षा और आबकारी पर हुआ यह ऐतिहासिक निर्णय………

देहरादून। उत्तराखंड कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में 17 प्रस्तावों पर लगाई मुहर

शिक्षा विभाग में उत्तराखंड के आंदोलन का इतिहास कक्षा 6-8 तक पढ़ाया जाएगा

कक्षा 10 के बाद 3 वर्षीय पॉलिटेक्निक डिप्लोमा करने पर कक्षा 12वीं के समकक्ष मना जायेगा

गन्ने का मूल हुआ निर्धारित

भारतीय नागरिक संहिता के लिए बनी नियमावली पर संशोधन को कैबिनेट की मंज़ूरी
कार्मिक विभाग में राज्यकार्मिकों को कार्यकाल में एक बार शितिलिकारण लेने पर कैबिनेट ने लगायी मोहर

राज्य संपत्ति विभाग में सेवानियमवली समूह ख और ग में अनुमोदन

यह भी पढ़ें 👉  बिंदुखत्ता की गंभीर मांग:- यदि अभिलंब इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो 6 माह बाद पड़ेंगे 10 हजार रुपये विलंब शुल्क

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत 1.5 लाख रूपए तक मिलेगी सब्सिडी

भारत सरकार द्वारा लागू ups पर मंत्रिमंडल ने किया अनुमोदन

स्टाम्प और निवेदन विभाग में 213 से बढाकर 240 पद किये गए

ट्रॉउट प्रोत्साहन योजना पर मंत्रिमंडल ने दी सहमति, 200 करोड़ की योजना के तहत मत्स्य पालाकों को मिलेगी मदद

राजस्व विभाग में उधम सिंह नगर में पराग फार्म की 1354 एकर भूमि सिडकुल को आवंटित

आबकारी नीति को मिली सहमति सैक्षिक और धार्मिक संस्थानों से शराब के ठेकों के लिए दूरी निर्धारित।
राज्य की नई आबकारी नीति 2025 में धार्मिक क्षेत्रों की महत्ता को ध्यान में रखते हुए उनके निकटवर्ती मदिरा अनुज्ञापनों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। जनसंवेदनाओं को सर्वोपरि रखते हुए शराब की बिक्री पर और अधिक नियंत्रण किया जायेगा। उप-दुकानों और मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था को समाप्त किया गया है। नई आबकारी नीति में किसी दुकान पर एमआरपी से अधिक कीमत ली जाती है तो लाइसेंस निरस्त करने का प्राविधान किया गया है। डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी एमआरपी लागू होगी।

यह भी पढ़ें 👉  लालकुआं स्मार्ट मीटर लगाने पहुंचे अडानी ग्रुप के लोग:- व्यापारियों ने किया बवाल..... भारी हंगामें के बीच करना पढ़ा यह...... ........

आबकारी नीति के तहत नवीनीकरण, लॉटरी और अधिकतम ऑफर जैसी पारदर्शी प्रक्रियाओं के माध्यम से दुकानें आवंटित की जाएंगी। आवंटन प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया गया है। स्थानीय कृषि उत्पादों को डिस्टिलरी (आसवनी इकाइयों) द्वारा प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और उन्हें नए बाजार उपलब्ध होंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में से वाइनरी इकाइयों को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में दी जाएगी छूट।

To Top