सर्दी के मौसम में लोग अपने कमरे और खुद को गर्म रखने के लिए कई उपाय अपनाते हैं. गांव क्षेत्र में लोग अलाव जलाकर सर्दी से बचने का इंतजाम कर लेते हैं तो वहीं शहरी क्षेत्रों में रूम हीटर (Room Heater) या ब्लोअर का इस्तेमाल अक्सर किया जाता है.
वैसे तो रूम हीटर लोगों को काफी पसंद आते हैं लेकिन अधिकतर लोग इससे होने वाले नुकसान के बारे में नहीं जानते हैं. ज्यादातर रूम हीटरों में लाल-गर्म धातु की रॉड लगी होती है, जो हवा में मौजूद नमी को सोख लेती है और इस वजह से कमरे का टेम्परेचर बढ़ जाता है. इसमें रूम में ऑक्सीजन की कमी और स्किन से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं.
बच्चों से जुड़ी समस्याएं
रूम हीटर का इस्तेमाल सिर्फ बड़ों के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए भी नुकसानदायक माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि लंबे समय तक रूम हीटर के इस्तेमाल से बच्चों की स्किन ही नहीं नाक के रास्ते को भी नुकसान पहुंचता है. इस कारण शिशुओं की स्किन पर चकते भी पड़ जाते हैं और उनकी नाक का बहना शुरू हो सकता है.
ऑक्सीजन की कमी
जानकार हमेशा यही सलाह देते हैं कि हीटर को कभी बंद कमरे में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. यह हवा में मौजूद ऑक्सीजन तेजी से इस्तेमाल करने लगता है और इस कारण रूम में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. इसकी कमी से लोगों को घुटन, जी मचलना और सिर दर्द की दिक्कतें होने लगती है. हालांकि अगर आपको रूम हीटर का इस्तेमाल करना है तो अपने कमरे में वेंटीलेशन का खास ख्याल रखें.
जहरीली गैस से दिमाग पर पड़ेगा गहरा असर
हीटर घर में कार्बन मोनोऑक्साइड (Carbon Monoxide) जैसी जहरीली गैस को भी छोड़ता है. ऐसा माना जाता है कि इस गैस से शिशुओं के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है. घंटों तक कमरे में हीटर चला कर रखने से बच्चे ही नहीं बड़ों की सेहत पर भी ये जहरीली गैस बुरा प्रभाव डालती हैं. अस्थमा के रोगियों को हीटर वाले रूम में न बैठने की सलाह दी जाती है.
स्किन को भी नुकसान पहुंचाता है हीटर
रूम में हीटर चलाने से आपकी स्किन को खास नुकसान पहुंच सकता है. दरअसल, हीटर वाले रूम में लंबे समय तक बैठने से स्किन में नमी कम होने लगती है और इस वजह से खुजली या एलर्जी भी हो जाती है. कभी-कभी तो स्किन पर डार्कनेस भी आ जाती है. ऐसे में रूम में हीटर को थोड़ी देर ही चलाएं और फिर कमरा गर्म हो जाने पर बंद कर दें.