लालकुआं। घन मीटर पूर्ण हो जाने के बाद गौला नदी से और उपखनिज निकालने के लिए गौला का सर्वे किया जा रहा हैं। इसके बाद खान विभाग की संयुक्त टीम को रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजनी हैं। लक्ष्य बढ़ने के बाद जून माह में भी खनन निकासी का सिलसिला चलेगा। इधर डंपर एशोसिएशन ने खनन लक्ष्य आगे बढ़ने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी देते हुए शुक्रवार को एसडीएम एवं डीएफओ कार्यालय जाकर प्रदर्शन करने की धमकी दी है।
वन निगम के माध्यम से संचालित होने वाली गौला नदी में अभी 2 दिन और फावड़े और बेलचे खनखनाएंगे क्योंकि अब मात्र एक लाख घन मीटर खनन सामग्री लक्ष्य के अनुरूप नदी में शेष बची है, जबकि प्रत्येक वर्ष 31 मई तक उपखनिज निकाला जाता है। कोरोना के समय पहली बार 2020 में जून में भी खनन किया गया था। क्योंकि, तब लाकडाउन के चलते बीच सत्र में नदी को बंद करना पड़ा था। इस बार केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान की टीम ने सर्वे के बाद 38.19 लाख घनमीटर निकासी के लिए कहा था। अब दो दिन बाद ही यह लक्ष्य पूरा हो जाएगा, लेकिन इससे पहले ही भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय ने नदी के अलग- अलग हिस्से में छूटे उपखनिज के सर्वे को लेकर आदेश जारी कर दिए थे। इसके बाद खान विभाग की संयुक्त टीम ने आज गौला नदी में संयुक्त सर्वेक्षण कार्य किया और उनके द्वारा इसकी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी, इसके बाद खनन लक्ष्य और आगे बढ़ाने पर शासन को निर्णय लेना होगा। डीएलएम धीरेश बिष्ट ने बताया कि फिलहाल 1 लाख घन मीटर लक्ष्य के अनुरूप खनन सामग्री नदी में बची है और यह लक्ष्य दो दिन के भीतर पूर्ण हो जाएगा। उन्होंने बताया कि खनन सत्र आगे बढ़ाने एवं और घन मीटर बढ़ाने के लिए खान विभाग की टीम द्वारा आज नदी में सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है, इसके बाद उक्त टीम संयुक्त रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजेगी और शासन इस पर अपना निर्णय देगा।
इधर गौला नदी से जुड़े वाहनस्वामी और निकासी के पक्ष में नहीं हैं, उन्होंने खनन सत्र बढ़ाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है डंपर संगठन के संरक्षक इंदर सिंह बिष्ट ने कहा कि शासन और क्रेशर स्वामी मिलकर खनन व्यवसायियों का उत्पीड़न कर रहे हैं, अब खनन व्यवसायी इसके खिलाफ आवाज उठाते हुए जबरदस्त आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने बताया कि गौला में 7500 वाहन संचालित हैं। वाहन स्वामी आगे और लक्ष्य बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। इंदर सिंह बिष्ट का कहना है कि शुक्रवार को भारी संख्या में खनन व्यवसायी उप जिलाधिकारी कार्यालय हल्द्वानी और डीएफओ कार्यालय हल्द्वानी जाकर जबरदस्त प्रदर्शन के साथ ही खनन सत्र न बढ़ाने की मांग करेंगे, यदि वाहन स्वामियों के विरोध के बावजूद खनन सत्र बढ़ाया तो फिर उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा।