हाथियों के बाद अब बाघों का आतंक।
ग्रामीणों में दहशत।
रिहायशी इलाकों में जंगली जानवरों की आवाजाही पर अंकुश लगाने की लगाई गुहार।
तराई केंद्रीय वन प्रभाग के जंगल से सटे गांव हरिपुर भांदेव में बाघ की चहलकदमी से लोगों में दहशत है। वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क व समूह में चलने की हिदायत दी है।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार प्रातः गांव में घर के नजदीक गन्ना छिल रहे ग्रामीणों द्वारा बाघ देखे जाने से लोग सहमे हुए हैं। ग्रामीण दिनेश बमेटा ने बताया कि गुरुवार रात बाघ ने गांव के ओम प्रकाश सिंह व जगदीश बमेटा के घर के पास से उनके पालतू कुत्तों को निवाला बनाया और शुक्रवार प्रातः गन्ना छिल रहे लोगों ने गन्ने के खेत में उक्त बाघ को देखकर भागकर अपनी जान बचाई।दहशत जदा ग्रामीणों के शोर मचाने पर एकत्रित ग्रामीणों ने मामले से वन विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया किंतु उनके मौके में पहुंचने से पहले ही शोरगुल सुनकर बाघ पास ही स्तिथ जंगल में घुस गया। ग्रामीणों के अनुसार सांझ ढलते ही यहां रोज किसी न किसी के अहाते में बाघ की आवाजाही देखी जा रही है ।
वन क्षेत्राधिकारी उमेश आर्य ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा बाघ की सूचना मिली थी, जिससे वन स्टाफ ने मौके पर जाकर देखा तो वहां पर बाघ के होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है किंतु बाघ के पग चिन्ह दिखाई पड़े हैं।ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह देने के साथ ही जल्द ड्रोन के माध्यम से सर्च आपरेशन चलाकर रिहायशी क्षेत्र में बाघों की आवाजाही पर अंकुश लगाने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
इधर बाघ की सूचना पर मौके पर पहुंचे वन दरोगा नवीन रैकवाल डिप्टी रेंजर तपन सरकार फारेस्टर संतोष सिंह भंडारी वन रक्षक संपूर्णा नंद कंडवाल समेत वन महकमे की टीम ने लगभग 1घंटे तक सर्च आपरेशन चलाया किंतु पद चिन्हों के अलावा कोई मूवमेंट नही मिल पाया इधर कई दिनों से हाथियों के बाद अब बाघों की आवाजाही से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है ।ग्रामीणों ने वन विभाग के उच्चाधिकारियों से जंगली जानवरों के निरंतर बढ़ते आतंक से निजात दिलाने की गुहार लगाई है।