उत्तराखण्ड

विधायक के गांव में स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालय में स्टाफ की कमी के चलते भारी दिक्कतें

लालकुआं। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय हल्दूचौड़ में स्वच्छक के अलावा एकमात्र चिकित्सक के होने के चलते चिकित्सा परामर्श से लेकर फार्मेसिस्ट और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के दायित्वों का निर्वहन अकेले चिकित्साधिकारी को करना पड़ रहा है। जिससे रोगियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पिछले कुछ समय से क्षेत्रीय विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट के गांव में स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय हल्दूचौड़ में मौजूद आधा दर्जन चिकित्सा कर्मियों का एक-एक कर यहां से स्थानांतरण हो गया। अब वहां एक स्वैच्छक कर्मचारी तथा चिकित्सालय की प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ मीरा जोशी ही रह गई है, चिकित्सालय की प्रतिदिन ओपीडी 100 से अधिक है। जहां दूर-दूर से परामर्श लेने एवं उपचार कराने रोगी प्रतिदिन आते हैं। ऐसे में चिकित्सा उपचार से लेकर दवा वितरण और पर्चा बनाने का कार्य भी चिकित्साधिकारी के जिम्मे ही है। इस दौरान जब रोगियों की भीड़ लग जाती है तो जहां चिकित्साधिकारी को तमाम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, फार्मेसिस्ट और स्वयं चिकित्साधिकारी के दायित्वो से गुजारना पड़ रहा है, इस दौरान रोगियों को भी काफी दिक्कतें हो रही हैं। तथा चिकित्साधिकारी भी चिकित्सा स्टाफ के नहीं होने से अत्यधिक परेशान है। इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक डॉ मोहन बिष्ट ने कहा कि वह पूर्व में भी आयुर्वेदिक चिकित्सालय में चिकित्सा स्टाफ मुहैया कराने के लिए संबंधित विभाग के तमाम उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर तथा दूरभाष पर कह चुके हैं। परंतु उनकी कोई सुन नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि यदि अभिलंब आयुर्वेदिक चिकित्सालय में स्टाफ की व्यवस्था नहीं की गई तो वह इस मामले में मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे।
फोटो परिचय- हल्दूचौड़ स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालय में स्टाफ की गैरमौजूदगी में रोगियों को परामर्श देती चिकित्सक

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