कांग्रेस की सदस्यता लेने पिछले 3 दिन से दिल्ली में डेरा जमाए भाजपा से निष्कासित पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पूर्व सीएम हरीश रावत की माफी मांगने की शर्त को स्वीकार करते हुए अब कह रहे हैं कि वह 100 बार माफी मांगने को तैयार हैं। हरीश को बड़ा भाई कहते हुए हरक सिंह रावत कहते हैं कि उन्हें कांग्रेस और हरीश की सभी शर्तें मंजूर हैं।
उत्तराखंड के विकास के लिए वह कुछ भी कर सकते हैं। अगर उनक माफी मांगने पर उनके बड़े भाई हरीश उन्हें माफ कर देते हैं तो यह बहुत ही अच्छी बात होगी। ‘मैंने आज ( मंगलवार) को कांग्रेस हाईकमान से बात की है। उनके कांग्रेस के दोबारा ज्वाइन करने पर उन्हें जल्द ही बताया जाएगा। कांग्रेस हाईकमान के फैसले पर ही मैं आगे की कोई रणनीति या कोई निर्णय ले पाऊंगा।’ हरक सिंह रावत।
आपको बता दें कि हरक सिंह रावत के कांग्रेस ज्वाइन करने पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा था कि हरक को कांग्रेस ज्वाइन करने से पहले माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस छोड़ने की गलती को हरक को स्वीकार करना होगा और तभी उनका कांग्रेस में दोबारा स्वागत होगा। हरीश ने कहा कि 2016 में हरक कांग्रेस पार्टी को संकट में डालकर भाजपा चले गए थे।
कहा कि हरक के कांग्रेस ज्वाइन करने पर हरीश ने दो टूर कहा कि कई पहलुओं पर विचार के बाद ही पार्टी हाईकमान कोई फैसला ले पाएगी। हरीश ने कहा था कि यदि कांग्रेस के लिए कोई काम करना चाहता है, तो करना चाहिए। किसी के हाथ बांधे नहीं जाते। हजारों लाखों लोग काम करते हैं। पार्टी ने अभी इस बाबत मुझसे पूछा नहीं है। पार्टी इस विषय पर सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेगी। राज्य की राजनीति, समाज में क्या प्रतिक्रिया होगी, उसके परिणाम क्या होंगे, सभी पर विचार करने के बाद ही निर्णय होगा
भाजपा से निष्कासित पूर्व काबीना मंत्री हरक सिंह रावत की घर वापसी के लिए कांग्रेस अभी कुछ समय और लेगी। हरक के पुराने इतिहास को देखते हुए पार्टी के शीर्ष नेता विचार मंथन कर रहे हैं। कांगेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने जरूर हरक से खुलकर हमदर्दी दिखाई है, लेकिन उन्हें कांग्रेस में शामिल करने के मुद्दे पर कुछ भी कहने से बचते रहे। उनका कहना है कि किसे लिया जाना है और किसे, यह फैसला हाईकमान व पार्टी के वरिष्ठ नेता करेंगे।
भाजपा से निष्कासन के बाद से माना जा रहा था कि हरक मंगलवार की दोपहर तक कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उनके साथ तीन विधायक और उनकी पुत्रवधु भी दिल्ली में कांग्रेस ज्वाइन करेंगे। लेकिन बदले हालात में कांग्रेस भी हरक को लेकर जल्दबाजी के मूड में नहीं दिख रही है। पार्टी में कुछ नेता हरक की वापसी पर सहमत हैं तो लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है जो हरक को पसंद नहीं करता। दिल्ली में मौजूद सूत्रों के अनुसार आज स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में सभी वरिष्ठ नेताओं ने विवादित विधानसभा सीटों पर चर्चा के साथ साथ हरक को लेकर भी बातचीत की। पर, अंतिम निर्णय अभी नहीं लिया गया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल कहते हैं कि हरक सिंह बेहद इमोशनल व्यक्ति हैं। राजनीतिक संबंध भले ही हमारे नहीं है, लेकिन व्यक्तिगत संबंध तो रहते ही हैं। विपत्ति के समय हरक ने भाजपा का साथ दिया था, अब उन्हें जिस प्रकार निष्कासित किया है, उससे निसंदेह हरक सिंह आहत हुए हैं। रही बात हरक को वापस कांग्रेस में वापस लेने की तो इस पर निर्णय पार्टी के शीर्ष नेता लेंगे।
हरक सिंह रावत के कांग्रेस के दोबारा ज्वाइन करने पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि हरक सिंह हमारे साथी-सहयोगी रहें हैं। यदि वो वापस आना चाहते हैँ तो पार्टी हाईकमान ही इस पर निर्णय लेगा। मैने सुना है कि हरक सिंह ने कांग्रेस के लिए काम करने का निर्णय ,किया है। अच्छी बात है। यदि वो आते हेँ तो निसंदेह पार्टी को भी ताकत मिलेगी। उत्तराखंड में भाजपा का किला ढहने जा रहा है और भाजपा के ताबूत में आखिरी कील हरक सिंह ने ठोक दी है।
इधर केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हरक सिंह रावत को जल्दबाजी में पार्टी में शामिल करना ठीक नहीं होगा उनका कहना है कि 2016 में भारत सिंह ने ही कांग्रेस की सरकार को तोड़ने का कार्य किया था जिसे इतनी जल्दी भुलाया नहीं जा सकता उन्होंने हरक के कांग्रेस में शामिल होने प्रक्रिया पर अपनी गहरी नाराजगी भी जताई है।