उत्तराखण्ड

मोटाहल्दू और बेरीपड़ाव गेट के खनन व्यवसायियों ने भी समतलीकरण एवं स्टोन क्रेशरों की मनमानी के खिलाफ फूंका बगावत का बिगुल….. पढ़ें कब शुरू होगा बृहद आंदोलन

गौला खनन संघर्ष समिति मोटाहल्दू और बेरीपड़ाव गेट में खनन व्यवसायियों की अलग-अलग बैठको में सभी गेटों के खनन व्यवसायियों को एकजुट करके गौला निकासी गेट खोलने से पूर्व समतलीकरण के नाम पर रॉयल्टी तथा स्टोन क्रेशरों की मनमानी को लेकर संयुक्त महापंचायत का आयोजन कर वृहद स्तर पर आंदोलन करने की रणनीति तय की गयी।
यहां मोटाहल्दू और बेरीपड़ाव गेट के अंतर्गत खनन व्यवसायियों की आयोजित अलग-अलग बैठको में वक्ताओं ने कहा कि जहां एक ओर राज्य सरकार ने समतलीकरण एवं पट्टों में 7 रुपए प्रति कुंटल की रॉयल्टी निर्धारित की है। वही गौला नदी में खनन कार्य पर 32 रुपए रॉयल्टी के रूप में वसूले जा रहे हैं, जो कि किसी भी हालत में न्याय संगत नहीं है। खनन व्यवसायियों ने एकराय से कहा कि इस बार गौला निकासी गेट तभी खुलेंगे जब रॉयल्टी की दरें एक समान हो जाएंगी। उन्होंने लालकुआं से हल्द्वानी एवं नंदौर तक खनन व्यवसायियों से वार्ता कर एक वृहद स्तर पर महापंचायत करने के बाद व्यापक आंदोलन करने का निर्णय लिया। साथ ही स्टोन क्रेशरों द्वारा मनमाना रेट तय कर खनन व्यवसायियों का उत्पीड़न करने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए, स्टोन क्रेशरों के रेट भी भी निर्धारित करने की मांग की। खनन व्यवसायियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती गौला निकासी खुलने के बावजूद वह गौला नदी में अपने वाहन नहीं ले जाएंगे तथा उन्हें सिलेंडर ही रहने देंगे।
बैठक में ग्राम प्रधान शंकर जोशी, विपिन जोशी, रमेश चंद्र जोशी, प्रवीण दानू, हेम दुर्गापाल, खीमानंद बलसूनी, जीवन बोरा, राकेश जोशी, लक्ष्मी दत्त जोशी, जीवन कबड़वाल, वीरेंद्र दानू, गोकुल पपोला, पंकज दानू, सुंदर शाह, चामू राणा, नवीन पाठक, सुरेश जोशी, कमल बिष्ट, गोकुल भट्ट, दीपक बचखेती, अनिल भट्ट, हरीश चौबे, पवन पाठक, बलवंत मेहरा, अनिल पंत सहित भारी संख्या में खनन व्यवसाई शामिल थे।

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