उत्तराखण्ड

स्टोन क्रेशरों द्वारा खनन सामग्री लेना बंद करने के बाद खनन व्यवसाईयो ने लिया चौंकाने वाला निर्णय…. पढ़ें महत्वपूर्ण खबर

लालकुआं। बरेली रोड, हल्द्वानी और नंदौर के अधिकांश स्टोन क्रेशरों ने खनन सामग्री लेना बंद कर दिया है, आक्रोशित खनन व्यवसायियों ने समतलीकरण और गौला रॉयल्टी के रेटों में भारी असमानता को लेकर न्यायालय की शरण लेने का ऐलान किया है।
नंदौर, बरेली रोड, रामपुर रोड के अधिकांश स्टोन क्रेशरों ने खनन सामग्री लेना बंद कर दिया है, इस मामले में क्रेशर संचालकों का कहना है कि माल की डिमांड नहीं होने के चलते अब खनन व्यवसायियों को पैसा देने की स्थिति में नहीं है, मजबूरन उन्हें खनन सामग्री लेनी बंद करनी पड़ रही है। स्टोन क्रेशर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल का कहना है कि इस समय स्टोन क्रेशर व्यवसाई अत्यधिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। आर्थिक तंगी के चलते क्रेशरो के हालात अत्यधिक खराब हैं। ऐसे में खनन सामग्री न लेने का निर्णय ही उनके पास शेष बचा हुआ है। क्योंकि व्यवसायियों की देनदारी इतनी बढ़ गई है कि क्रेशर संचालक अत्यधिक चिंता में डूबे हुए हैं।
इधर मई माह में वाहनों का टैक्स जमा कर देने के बाद क्रेशर संचालकों द्वारा खनन सामग्री लेने से इनकार करने के चलते वाहन स्वामी एवं खनन व्यवसाई अत्यधिक हैरान एवं परेशान हैं, खनन व्यवसाई इंदर सिंह बिष्ट का कहना है कि उनकी सभी गेटों के खनन व्यवसायियों से बातचीत चल रही है, जल्द ही समतलीकरण और गौला रॉयल्टी के रेट में भारी असमानता को लेकर वह न्यायालय की शरण लेंगे। उन्होंने कहा कि समतलीकरण पहाड़ों में होता है जबकि सरकार द्वारा यह तुगलकी फरमान जारी कर हजारों खनन व्यवसायियों के पेट में लात मारी है, खनन व्यवसायी अदालत का दरवाजा खटखटा कर न्याय की गुहार लगाएंगे।
फाइल फोटो- गौला नदी का विहंगम दृश्य

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