उत्तराखण्ड

खनन व्यवसायियों ने बैठक कर रेट नहीं बढ़ाने पर आर-पार की लड़ाई का किया ऐलान, चेतावनी दी नहीं माने तो क्रेशरो की बिक्री भी रोक देंगे

क्षेत्र के खनन व्यवसाईयो ने डूंगरपुर स्थित पंचायत घर के मैदान में बैठक कर आंदोलन की अगली रणनीति तय की। इस दौरान कई गेटों के खनन व्यवसायियों ने स्टोन क्रेशर संचालकों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि क्रेशर संचालक खनन व्यवसायियों को इतना कम रेट दे रहे हैं जिसमें व्यवसाय करना बिल्कुल मुश्किल हो गया है। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार रॉयल्टी के नियमों पर दोहरा मापदंड अपनाए हुए हैं जोकि गौला नदी से जुड़े खनन व्यवसायियों के साथ सीधे-सीधे सौतेला व्यवहार करना है। लगभग 2 घंटा बैठक करने के पश्चात खनन समिति के अध्यक्ष/ जिलाधिकारी नैनीताल के लिये ज्ञापन तैयार किया गया। जिसमें चेतावनी दी गई है कि यदि अभिलंब क्रेशर स्वामियों ने खनन व्यवसायियों से वार्ता कर रेट उचित नहीं किए तो खनन व्यवसाई सभी स्टोन क्रेशरो के मुख्य द्वार पर धरना प्रदर्शन कर स्टोन क्रेशर की बिक्री पूरी तरह ठप कर देंगे। जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। साथ ही ज्ञापन में कहा गया है कि क्रेशर संचालकों के उक्त कार्यों से करोड़ों रुपए राजस्व का नुकसान हो रहा है। जिसकी ओर सरकार भी पूरी तरह उदासीन बनी हुई है। ज्ञापन में हस्ताक्षर करने वालों में इंदर सिंह बिष्ट, जीवन कबडवाल, देवेंद्र सिंह बिष्ट, दीपक जोशी, वीरेंद्र दानू, लवली गिल, भीम सिंह रावत, रमेश जोशी, हरीश विरखानी, महेश गोस्वामी, हेम चंद्र दुर्गापाल, बलवंत सिंह, बीडी खोलिया, भैरव दत्त जोशी, शंकर जोशी, कमल मिश्रा, विनोद बोरा सहित सैकड़ों की संख्या में खनन व्यवसाई शामिल थे।

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