स्टोन क्रेशर संचालकों एवं खनन व्यवसायियों के बीच की खाई गहरी होती जा रही है का उचित भाड़ा न मिलने के चलते काम बंद हड़ताल जारी, व्यवसायियों ने चोरगलिया क्षेत्र में स्थापित कई स्टोन क्रेशर कराए बंद, एसडीएम सितारगंज को ज्ञापन देकर रॉयल्टी चोरी एवं ओवरलोडिंग पर तत्काल रोक लगाने की की मांग, तथा नंदौर नदी से खनन कर रहे वाहन स्वामियों के उत्पीड़न का सरकार और मौजूदा जनप्रतिनिधियों पर लगाया गंभीर आरोप।
नंदौर वाहन एवं खनन समिति के तत्वावधान में 3000 से अधिक खनन वाहन स्वामियों एवं खनन व्यवसायियों का पिछले कई दिनों से भाड़े को लेकर चल रहा आंदोलन अब भी जारी है। आज खनन व्यवसायियों ने क्षेत्र के कई स्टोन क्रेशरों में जाकर जहां जबरदस्त प्रदर्शन किया। वहीं उक्त क्रेशरों की बिक्री बंद करा दी। खनन व्यवसायियों का कहना है कि स्टोन क्रेशर संचालक नंदौर से निकलने वाले आरबीएम का उचित भाड़ा नहीं दे रहे हैं, खनन व्यवसायियों को 3 वर्ष पुराने रेट आज भी दिए जा रहे हैं। जिससे उनमें गहरा असंतोष व्याप्त है। नंदौर वाहन एवं खनन समिति की अध्यक्ष सुरजीत कौर के नेतृत्व में एसडीएम सितारगंज को सौपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि खनन पट्टो एवं बाजपुर से एक रॉयल्टी में चार -चार चक्कर खनन वाहन द्वारा लगाने तथा लगातार ओवरलोड आरबीएम लाकर स्टोन क्रेशरों में डालने से स्टोन क्रेशर नदी से अत्यधिक रॉयल्टी में निकलने वाले माल का उचित भाड़ा नहीं दे रहे हैं, क्योंकि उन्हें बहुत ही कम पैसे में माल उपलब्ध हो रहा है। इधर सरकार द्वारा रॉयल्टी के दामों में कमी भी नहीं की गई है, जिसके चलते वन विकास निगम कई गुना अधिक रॉयल्टी के दाम वसूल रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक ओवरलोडिंग एवं रॉयल्टी चोरी पर लगाम नहीं लगाई जाएगी तब तक स्टोन क्रेशर संचालक नदी के माल का उचित मूल्य नहीं देंगे। ज्ञापन देने वालों में समिति की अध्यक्षा सुरजीत कौर के अलावा जीवन कबडवाल, पूरन सिंह रजवार, प्रकाश बेलवाल, हरीश बिष्ट, मुकेश थुवाल, योगेंद्र मेहरा, उमेश जोशी और राकेश मेलकानी सहित कई खनन व्यवसाई शामिल थे। इधर आज क्षेत्र के खनन व्यवसायियों ने कई स्टोन क्रेशरों में जाकर वहां प्रदर्शन किया। और क्रेशर की बिक्री भी रुकवा दी। तथा चेतावनी दी कि यदि खनन व्यवसायियों को सही भाड़ा नहीं दिया गया तो वह स्टोन क्रेशर भी नहीं चलने देंगे। तथा रॉयल्टी चोरी और ओवरलोड के खिलाफ भी आंदोलन करेंगे। खनन व्यवसायियों ने एसडीएम सितारगंज से शिकायत की है कि वह तत्काल रॉयल्टी की चोरी कर रहे ओवरलोड खनन वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। साथ ही उन्होंने आंदोलन को और उग्र करने की चेतावनी भी दी है। राज्य सरकार ने रॉयल्टी के दाम कम नहीं किए और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने निकासी गेट खुलवा दिया, परंतु खनन व्यवसायियों की समस्या नहीं देखी। उन्होंने सरकार एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भी खनन व्यवसायियों की उपेक्षा का आरोप लगाया।
खनन व्यवसायियों ने स्टोन क्रेशरों की रुकवाई बिक्री, पट्टो से ओवरलोड एवं चोरी की रॉयल्टी का आरबीएम खरीदने का लगाया खुला आरोप, हंगामे का वायरल वीडियो देखें
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