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बरेली में प्लांट पर कब्जे को लेकर हुए बवाल मामले में एक दर्जन से अधिक की गिरफ्तारी और कई पुलिसकर्मियों के निलंबित होने के मामले की आंच उत्तराखंड तक पहुंची……………… पढ़ें विस्तृत खबर……………… देखे दिल को दहला देने वाला वीडियो


बरेली। बरेली शहर के सबसे पॉश एरिया में प्लाट पर कब्जे को लेकर गैंगवार के पीछे पुलिस की मिलीभगत की बात सामने आने पर पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है, जिसके चलते विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ क्षेत्रवासी भी कानून-व्यवस्था की धज्जियां उधेड़ने के आरोप लगा रहे हैं। शनिवार को बवाल के बाद इज्जतनगर थाने के इंस्पेक्टर जयशंकर समेत सात पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध मानकर उन्हें निलंबित किया गया था। रविवार को मुख्य आरोपित प्रापर्टी डीलर राजीव राणा के बयान ने भी – पुलिस से दोस्ती की पोल खोली। उसने वीडियो जारी कर स्वीकारा कि – इंस्पेक्टर के आश्वासन के बाद प्लाट पर कब्जा लेने गया था। राजीव ने उत्तराखंड की मंत्री रेखा आर्य के पति एवं भाजपा नेता पप्पू गिरधारी का नाम भी उछाला कि उन्हीं की शह पर दूसरे पक्ष का आदित्य हमलावर हुआ था। उसके आरोप का पप्पू गिरधारी ने खंडन किया। बोले, उसने झूठा आरोप लगाया इसलिए प्राथमिकी पंजीकृत कराएंगे। मंत्री रेखा आर्य ने भी विस्तृत जानकारी जुटाने की बात कही। बता दें कि इस मामले में भाजपा के पूर्व विधायक राजेश मिश्र उर्फ पप्पू भरतौल को भी नामजद किया जा चुका है। दूसरी ओर, रविवार को पुलिस ने नौ आरोपितों को जेल भेज दिया, जबकि उपचार के कारण तीन को अस्पताल में अभिरक्षा में रखा गया
है। शाम को छह अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के साथ संख्या 18 हो गई।

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पीलीभीत रोड पर 850 गज प्लाट को अपना बताकर आदित्य उपाध्याय ने टाइल्स शोरूम खोल लिया। इस पर राजीव राणा भी दावा करता है। शनिवार सुबह राजीव के अनेक गुर्गे कब्जा लेने गए तो आदित्य गुट से विवाद हो गया। बीच सड़क पर दोनों पक्षों में 100 गोलियां चलीं, आगजनी भी हुई।
इस मामले में पुलिस की ओर से दोनों पक्षों पर प्राथमिकी हुई। एक अन्य प्राथमिकी आदित्य के कर्मचारी रोहित ने लिखाई, जिसमें भाजपा के पूर्व विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल, राजीव राणा समेत 12 को नामजद किया गया। भाजपा का झंडा लगी कार से चलने वाले राजीव राणा के सभी गुर्गों पर पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं। कुछ पर एक दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं। दूसरे पक्ष के आदित्य जानलेवा हमला समेत चार, जबकि उसके बेटे अभिराज पर जानलेवा हमला समेत दो मुकदमे हैं।
विदित रहे कि शनिवार सुबह दोनों पक्षों में विवाद होने पर सबसे पहले डायल 112 पहुंची, उसके बाद चीता मोबाइल, फिर थाने की फोर्स। इसके बावजूद दोनों पक्ष भिड़ते रहे और पुलिस निष्प्रभावी दिखी। पुलिसकर्मियों के सामने ही गोलियां चलने लगीं। पुलिस अधिकारी स्वीकारते हैं कि ऐसी स्थिति में बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़‌ना चाहिए था। परिस्थितियां देखकर लाठियां फटकारी जा सकती थीं, इसमें किसी के आदेश की जरूरत नहीं होती। इंस्पेक्टर ने ऐसा नहीं किया, इसीलिए निलंबित कर जांच बैठाई है।

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वही इस प्रकरण पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्ट पर पोस्ट कर कानून- व्यवस्था पर सवाल उठाए। वहीं, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था मजबूत है। मामले में सख्त कार्रवाई होगी।

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प्रकरण में नाम आने पर – पप्पू गिरधारी, उत्तराखंड की मंत्री रेखा आर्य के पति एवं भाजपा नेता ने सफाई देते हुवे कहा कि
मैं आदित्य को नहीं जानता। आरोप लगाने वाला राजीव राणा तो भाजपा के पूर्व विधायक पप्पू भरतौल से जुड़ा है। मेरा इस मामले में किसी भी पक्ष से कोई संबंध या संपर्क नहीं है। झूठा आरोप लगाने वाले पर प्राथमिकी कराएंगे। साथ ही लखनऊ से किसी एजेंसी की जांच की मांग भी करेंगे।

इधर दूसरे पक्ष के पप्पू भरतौल, भाजपा के पूर्व विधायक ने कहा कि
मेरा इस विवाद से कोई वास्ता नहीं। बेवजह मेरा नाम प्राथमिकी में लिखवाया गया है। पुलिस कैमरे चेक करा ले। मैं शनिवार को मथुरा आया था, वहां से महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन पहुंचा।

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