हल्द्वानी। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री व नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद श्री अजय भट्ट ने नई दिल्ली में केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी से मुलाकात करते हुए हल्द्वानी-गदरपुर-मुरादाबाद / रामपुर-संभल / चन्दौसी-गंगा एक्सप्रेस-वे अनुपशहर-खुर्जा-जेवर से दिल्ली (अनुमानित लम्बाई 300 कि०मी०) तक एक्सप्रेस-वे बनाए जाने की मांग की।
श्री भट्ट ने केंद्रीय परिवहन मंत्री को पत्र के माध्यम से भी अवगत कराया कि उनके भ्रमण के दौरान क्षेत्रीय जनता द्वारा हल्द्वानी से दिल्ली तक एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य किये जाने का निवेदन किया है, जो जनहित में अति आवश्यक है।
उन्होंने कहा है कि यह भी अवगत कराना है कि देहरादून से दिल्ली तक का एक्सप्रेस-वे सड़क मार्ग बहुत ही अच्छा और आरामदायक है, जिससे लोगों को आवागमन में काफी लाभ हो रहा है। इस मार्ग के निर्माण से लोगों को देहरादून से
दिल्ली तक जाने में 2:00 से 2:30 घण्टे में पहुँचने में मदद मिल रही है। इसी तरह से हल्द्वानी से दिल्ली तक एक्सप्रेस-वे सड़क मार्ग का निर्माण किया जाना भी जनहित में अति आवश्यक है, जिससे जनपद ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, पिथौरागढ, चम्पावत, बागेश्वर एवं अल्मोडा तथा उत्तर प्रदेशसे कई जिलों को भी इसका लाभ मिलेगा।
उक्त एक्सप्रेस-वे सड़क मार्ग के निर्माण होने से लगने वाला समय कम होगा और लोगों को दिल्ली तक पहुँचने में आसानी होगी तथा आर्थिक विकास में भी योगदान होगा और लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेगें। सुरक्षा की दृष्टि से दुर्घटनाओं की सम्भावना भी कम होगी।
वर्तमान में उत्तराखण्ड की भौतिक स्थिति के कारण कुछ स्थल ही ऐसे है, जहाँ औद्योगिक विकास हो सकता है। इन परियोजनओं के निर्माण से उत्तराखण्ड के तराई क्षेत्र में सामाजिक, आर्थिक एवं औद्योगिक विकास को एक नई राह मिलेगी।
यह परियोजना गदरपुर, बाजपुर, रूद्रपुर से दिल्ली, गंगा एक्सप्रेसवे और जेवर की बीच आवागमन के समय को कम करेगी तथा इन क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।
इस परियोजना के बनने से उत्तराखण्ड की दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे से भी कनेक्टिविटी हो जाएगी। इसके अतिरिक्त इस परियोजना के साथ औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक पार्क भी बनाये जा सकते है।
श्री भट्ट ने अवगत कराया कि इसी तरह काठगोदाम-नेपाल एशियन हाईवे के निर्माण से काठगोदाम-चोरगलिया-ब नबसा-टनकपुर (अनुमानित लम्बाई 100 कि०मी०) तक आवागमन हेतु समय की बचत करेगी तथा कुमायूं क्षेत्र में पर्यटकों को बढावा मिलेगा।
श्री भट्ट ने बताया कि यह परियोजना कुमायूं के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि नैनीताल, भीमताल की ओर अवागमन के लिए समय की बचत करेगा तथा आदि कैलाश, कौसानी, महावतार बाबा जी की गुफा (पाण्डुखोली (द्वाराहाट)), रानीखेत, सूर्य मन्दिर कटारमल, अल्मोड़ा, कसारदेवी, चितई गोलू देवता मंदिर, जागेश्वर मंदिर, धारचूला, मुनस्यारी, डीडीहाट, हाटकालिका, पिंडारी ग्लेशियर, बागेश्वर, आदि कैलाश, गुंजी, कुटी, कालापानी, नाभीढांग, ज्योलींगकोंग, पार्वती सरोवर एवं कैलाश मानसरोवर, पिथौरागढ़ में दो प्रमुख घाटिया 1-व्यास घाटी, 2-दर्मा घाटी आदि जाने वाले धार्मिक पर्यटकों के लिये भी बहुत ही समय बचाने वाला मार्ग होगा।
इसके अतिरिक्त यह परियोजना नेपाल सीमा की ओर माँ पूर्णागिरी मन्दिर, नानक सागर, जिमकॉर्बेट आदि शहरो की ओर जाने वालें यात्रियों के लिए एक सरल मार्ग, सुगम यात्रा एवं समय की बचत करेगा।
वन/वन्यजीव क्षेत्र को देखते हुए दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस-वे जैसी परियोजना के निर्माण हेतु विचार किया जा सकता है। हल्द्वानी-नैनीताल को नेपाल सीमा पर बनबसा में बन रही आई०सी०पी० से जोड़ने से पर्यटन एवं औद्योगिक विकास होगा।
इसके अतिरिक्त यह परियोजना प्राकृतिक एवं आपातकालीन स्थितियों के लिए बहुत अच्छा विकल्प होगा। यह परियोजना एशियन हाईवे /एक्सप्रेस-वे के नाम से भी सम्बोधित की जा सकती है।
श्री भट्ट ने कहा कि इसलिए जनहित में उपरोक्त परियोजना के निर्माण किया जाना बेहद आवश्यक हो गया है।





