उत्तराखण्ड

एमएसपी गारंटी कानून और किसानों से किये गये वायदे पूरे करे मोदी सरकार :- अखिल भारतीय किसान महासभा

देश के सभी जरूरतमंदों को जरूरत अनुसार सस्ता राशन उपलब्ध कराने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली का विस्तार करे सरकार !

किसानों, पशुपालकों की पुश्तैनी आजिविका का साधन पशुपालन, गोरक्षा कानून के चलते आवारा गोवंश बना बर्बादी और जान का दुश्मन !

लालकुआं 6 जून अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा मंदसौर कांड की बरसी पर राष्ट्रीय एमएसपी दिवस के मौके पर किसानों की मांगों को लेकर तहसील मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करते हुए तहसीलदार लालकुआं के माध्यम से प्रधानमंत्री को 12 सूत्रीय ज्ञापन प्रेषित किया ।

अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी ने धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2017 में 6 जून को मध्यप्रदेश के मंदसौर में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार किसानों की कर्ज के बोझ से हो रही आत्महत्याओं को खत्म करने के लिए कृषि को लाभकारी बनाने के लिए, किसानों को फसल उत्पादन में उनकी कुल लागत (खाद, बीज, दवा, बिजली, जुताई-बुवाई में लगे खर्च के साथ परिवार के कृषि कार्य में लगे सभी लोगों का पारिश्रमिक) का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की गारंटी की मांग को लेकर किसान आन्दोलन कर रहे थे । जिसमें मध्यप्रदेश पुलिस ने गोली चलाकर 6 किसानों की हत्या कर दी । उन्होंने कहा मोदी सरकार ने किसान विरोधी तीन काले कृषि कानून लाकर किसानों को कर्ज माफी और एमएसपी की गारंटी करने के बजाय किसानों की फसल और जमीन छीनने की ही साजिश रच डाली । जिसे वापस करने के लिए 13 माह तक देशभर के किसानों ने दिल्ली के बॉर्डरों पर दिन रात डेरा डालकर आन्दोलन किया जिसमें 700 से भी अधिक किसानों ने अपनी शहादत दी । उन्होंने आगे कहा मोदी कृषि कानून वापस लेते समय 9 नवम्बर 2021 को किसानों से एमएसपी की गारंटी, कर्ज माफी, अन्य मांगों को पूरा करने के साथ ही किसानों पर लगे मुकदमों को वापस लेने के वायदे को आज 7 माह के अन्तराल में भूल गए हैं, और भाजपा – आरएसएस देश की किसानों मजदूरों के खिलाफ बनाई जा रही नितियों, देश के सभी संसाधनों को कारपोरेट घरानों के हवाले करने के षड़यंत्र से जनता का ध्यान भटकाने के लिए नित नये नये मन्दिर मस्जिद के विवाद पैदा करने और बुलडोजर राज का आतंक फैलाने में लगी है ।
नेगी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा किसानों पशुपालकों की पुश्तैनी आजिविका का साधन पशुपालन को आज हमारी चुनीं हुई सरकारें गोसेवा के नाम पर गोरक्षा कानून के जरिए गायों को आवारा गोवंश बनाने को मजबूर कर हमें आपस में लड़ाने की लगातार साजिश कर लड़ा रही है । उन्होंने आम मेहनतकश जनता व किसानों से सरकार की इस साजिश का भंडाफोड़ करने का आव्हान करते हुए कहा जो पशुपालक गोवंश को अपने आर्थिक नुकसान के चलते छोड़ने को मजबूर हैं उन्हीं पर भाजपा और उसके संगठन आरएसएस, बजरंग दल आदि, गो रक्षक संगठन के रूप में आवारा गोवंश के नुकसान की तोहमत लगा कर नफरत फैला रहे हैं । उन्होंने कहा आज हम सब को एक सवाल जनता के बीच खड़ा करना है क्या वर्ष 2000 से पहले भी कोई अपने गोवंश को आवारा छोड़ रहा था ? और जनता को बतायें आज भी कोई पशुपालक गोवंश को आवारा नहीं छोड़ेगा यदि गोरक्षा कानून बनाने वाली सरकार गोरक्षा कानून में गोवंश की कीमत निर्धारित कर सरकारी खरीद की गारंटी कर दे तो कोई भी पशुपालक गोवंश को आवारा नहीं छोड़ेगा ।
उन्होंने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर पशुपालन के व्यवसाय से आम जनता को बेदखल कर कारपोरेट घरानों के हवाले करने का षड़यंत्र कर रही है । उन्होंने यह भी कहा कि आज गायों के प्रति तथाकथित ‘संवेदनशील’ सरकार की अगुवाई में वास्तव में भारत से गोमांस का निर्यात बढ़ गया है ।

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धरने और ज्ञापन देने वालों में अखिल भारतीय किसान महासभा के नैनीताल जिले के संयोजक बहादुर सिंह जंगी, भुवन जोशी, आनन्द सिंह सिजवाली, दौलत सिंह कार्की, हरीश चन्द्र सिंह भण्डारी, स्वरूप सिंह दानू, त्रिलोक सिंह दानू, पुष्कर सिंह दुबड़िया, किशन सिंह बघरी, हीरा सिंह नेगी, विमला रौथाण, ललित मटियाली, प्रमोद, सोनू कुमार, कमल जोशी आदि ने भागीदारी की ।

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