उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोर पकड़ चुका है। हालांकि अभी भाजपा-कांग्रेस ने टिकट फाइनल नहीं किए हैं, लेकिन दावेदारों की अपनी तैयारी पूरी है। इस चुनाव में संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत सातवीं बार और पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल छठीं बार मैदान में उतरने को तैयार हैं।
राजनीति के अतीत को देखें तो उत्तराखंड के वह दिग्गज नेता जिनका रिकार्ड इस बार भी कोई नहीं तोड़ पाएगा। वह है पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी, जो उप्र से लेकर उत्तराखंड बनने तक आठ बार विधायक बन चुके हैं। 2022 की सरकार में शामिल होने वाला कोई भी पुराना विधायक इनकी बराबरी नहीं कर पाएगा।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे स्व. एनडी तिवारी केंद्र में मंत्री का जिम्मा भी निभा चुके हैं। 1951 से 2002 तक वह अलग-अलग जगहों से आठ बार विधायक रहे। नैनीताल, हल्द्वानी, काशीपुर, रामनगर विधानसभा का उन्होंने प्रतिनिधित्व किया। स्वर्गीय तिवारी के अलावा भाजपा के टिकट पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. हरबंस कपूर ने देहरादून कैंट को 1989 से अपने साथ-साथ पार्टी का भी मजबूत गढ़ बना दिया था। वह आठ बार यहां से विधायक रहे हैं। उन्होंने अंतिम चुनाव 2017 में जीता था। हाल में उनका निधन हुआ है।
वहीं, बड़े कांग्रेसी नेताओं में शामिल गुलाब सिंह ने 1951 से लेकर 1989 तक आठ बार विधायकी का चुनाव जीता। चकराता के अलावा मसूरी से भी उन्होंने कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया। 1985 के विधानसभा चुनाव में निर्विरोध चुनकर आने वाले गुलाब सिंह एकमात्र विधायक थे। खास बात यह है कि आजादी के बाद से चकराता क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है। वरिष्ठ नेता गुलाब सिंह के बाद उनके बेटे प्रीतम सिंह भी अब तक पांच बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। प्रीतम वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष है।
इधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता बंशीधर भगत ने अब तक नैनीताल, हल्द्वानी व कालाढूंगी सीट का प्रतिनिधित्व किया है। उप्र के दौर में भी पर्वतीय विकास मंत्री रहे भगत इस बार भी कालाढूंगी से प्रमुख दावेदार हैं। जबकि पिथौरागढ़ जिले की डीडीहाट सीट का प्रतिनिधित्व 1996 से ही बिशन सिंह चुफाल के पास है।