उत्तराखण्ड

महाशिवरात्रि पर्व पर श्री हंस प्रेम योग आश्रम सहित लालकुआं और बिंदुखत्ता के तमाम क्षेत्रों में हुए यह कार्यक्रम……………

महाशिवरात्रि पर्व पर मंदिरों में किया गया जलाभिषेक, श्री हंस प्रेम योग आश्रम में हुआ पांच दिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव का विधिवत समापन

लालकुआं। क्षेत्र में महाशिवरात्रि पर्व बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया गया। हरिद्वार से कांवर लेकर पहुंचे कांवरियों ने सुबह तड़के विभिन्न मंदिरों में शिवलिंग पर जल चढ़ाया। इस अवसर पर क्षेत्र के सभी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें लगी रही।


महाशिवरात्रि पर्व के शुभ अवसर पर क्षेत्र के सभी मंदिरों में सुबह से ही शिवलिंग में जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिली। इस अवसर पर नगर के मुख्य बाजार स्थित शिव मंदिर एवं अवंतिका कुंज देवी मंदिर में हरिद्वार से गंगाजल लाये कावड़ियों ने सुबह तड़के ही शिवलिंग का जलाभिषेक किया। इस दौरान पूरा नगर बम बम भोले के जयकारों से गूंज उठा। फलाहारी बाबा मंदिर, पीपल मंदिर, राम मंदिर और अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर बेरीपड़ाव में दोपहर तक श्रद्धालुओं का मेला लगा रहा। सेंचुरी पेपर मिल स्थित राधे कृष्ण मंदिर, भोला मंदिर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गये। तथा भांग का प्रसाद वितरण किया गया।
इधर निकटवर्ती बिन्दुखत्ता संजयनगर स्थित श्री हंस प्रेम योग आश्रम में पांच दिवसीय शिव महोत्सव के पांचवे दिन प्राचीन बिंदेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद मंदिर में लगाए गए भव्य शिव परिवार शिवलिंग मूर्तियों की वेद मंत्रों की गूंज के बीच बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठा एवं पूजा अर्चना के साथ शुभारंभ हुआ। इस दौरान आयोजित संत समागम के दौरान शिव तत्व विवेचन पर बोलते हुए स्वामी सत्यबोधा नंद महाराज ने कहा कि शिव कल्याण के देवता हैं शिव देवों के देव महादेव कहलाए जाते हैं ऐसा इसलिए कि शिव को सर्वशक्तिमान होने के साथ-साथ दया का सागर कहा गया है। उन्होंने कहा कि शिव दरबार में एक साथ हम शेर और बैल को देखते हैं। एक साथ हम मयूर और सर्प को देखते हैं हम सांप और चूहे को एक साथ देखते हैं। यह सब सामाजिक समरसता का प्रतीक है। यानि कि शिव संदेश देते हैं कि समाज में कोई भी छोटा बड़ा नहीं है व्यक्ति अपने कर्मों से ही महान बनता है। इसलिए सदैव सत्कर्म करते रहना चाहिए। इस दौरान महात्मा विशेषानंद, विद्युतानंद, करुणाबाई स्नेहा बाई, प्रचारिका बाई, प्रभाकरानंद, आचार्यनंद, आलोकानंद, मानसानंद, मधुलता बाई, हेमंती बाई, पुष्पलता बाई ने ने भी अपने सारगर्भित प्रवचनों के माध्यम से शिव तत्व पर गहराई से प्रकाश डाला।
इस दौरान शिव लिंग पर जलाभिषेक करने के साथ-साथ श्रद्धालुओं ने सत्संग श्रवण कर खुद को धन्य किया इस दौरान विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। संत समागम एवं शिव महोत्सव में एडवोकेट बसंत जोशी, संजय पांडे, समाजसेवी प्रमोद कॉलोनी, शंभू दत्त नैनवाल, भुवन चंद्र भट्ट, सिया राम अग्रवाल, केशव दत्त कांडपाल, प्रेम नाथ पंडित, उमेद रावत, स्वामीनाथ पंडित, राम सिंह बिष्ट, कन्हैया सिंह, राजलक्ष्मी पंडित, रेखा बोरा, सुंदरलाल मौर्या, भगवानदास वर्मा, मदन लाल गुप्ता और राजेंद्र सिंह चौहान समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन अजय उप्रेती ने किया।
फोटो परिचय- श्री हंस प्रेम योग आश्रम बिन्दुखत्ता श्रद्धालुओं को संबोधित करते साधु महात्मा।
फोटो परिचय -कथा श्रवण करते उपस्थित श्रद्धालु

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