देवभूमि उत्तराखंड में राजकीय प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर विद्यालय की ही भोजन माता के यौन शोषण का गंभीर आरोप लगा है, जिस पर शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए उक्त प्रधानाध्यापक को निलंबित करते हुए रुद्रपुर मुख्यालय में अटैच किया है।
सितारगंज के सिडकुल के उकरौली में संचालित राजकीय प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर पर लंबे समय से भोजन माता के शरीरिक शोषण का गंभीर आरोप लगा है। डीईओ की जांच में इसका खुलासा हुआ है। डीईओ ने प्रकरण को पुलिस से जुड़ा बताते हुए हेड मास्टर को निलंबित कर रुद्रपुर कार्यालय में अटैच कर दिया हैं। हेड मास्टर पर विभागीय धनराशि के दुरुपयोग का भी आरोप लगाए गए हैं। जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी बेसिक हरेंद्र मिश्रा ने बताया कि सोमवार को उन्होंने सिडकुल स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय उकरौली में पहुंचकर जांच की। जांच में सामने आया कि विद्यालय का हेड मास्टर सरबजीत सिंह पहले दो साल से भोजन माता का शरीरिक शोषण कर रहा था। भोजन माता ने जांच के दौरान राजकीय प्राथमिक विद्यालय उकरौली में हेड मास्टर ने करीब सौ बच्चों का फर्जी एडमिशन दिखा रखा है। जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी की जांच में सोमवार को इसका खुलासा हुआ है। विद्यालय में जांच के दौरान मार्च माह तक 360 बच्चे अध्यनरत मिले हैं। जबकि जांच होने पर 123 बच्चों का ही वास्तविक ऐडमिशन होने की पुष्टि हुई हैं। फर्जी ऐडमिशन का खुलासा पंजीकृत 360 बच्चों के अभिभावकों के आधार कार्ड की जांच के बाद सामने आया है। जांच के दौरान 360 बच्चों में से केवल 123 बच्चों के माता-पिता के आधार कार्ड ही सही पाए गए। शेष बच्चों के माता-पिता के आधार कार्ड रिकार्ड आईडी में नहीं मिले हैं।
हरेंद्र मिश्रा, जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी बेसिक के अनुसार
उकरौली के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में महिला शोषण और सरकारी धन के दुरुपयोग की जांच में पुष्टि हुई है। विद्यालय के हेड मास्टर पर भोजन माता के दो वर्ष से शौषण के आरोप लगे है। भोजन माता को पुलिस से शिकायत की सलाह दी गई हैं। विद्यालय में 100 बच्चों का फर्जी प्रवेश दिखाया हैं। बच्चों की आईडी की जांच में इसका खुलासा हुआ हैं। हेड मास्टर सरवजीत सिंह को निलंबित कर अटैच किया गया है।
गंभीर मामले का खुलासा किया है। आरोपित के कारनामों के बारे में स्कूल के अन्य शिक्षकों ने भी पुष्ट
की
