उत्तराखण्ड

बिन्दुखत्ता की बसासत संघर्ष के इस साथी को किया याद


• क्रांतिकारी संघर्ष के रास्ते को और बुलंद करते हुए जनता के बुनियादी सवालों पर लड़ाई को और तेज़ करना ही मान सिंह पाल को सच्ची श्रद्धांजलि

भाकपा (माले) द्वारा क्षेत्र के जनसंघर्षों के अगुवा नेता व पार्टी के पूर्व राज्य कमेटी सदस्य कामरेड मान सिंह पाल के सातवें स्मृति दिवस पर पार्टी कार्यालय बिंदुखत्ता में एक कार्यक्रम का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर कामरेड मान सिंह पाल की बिंदुखत्ता के ऐतिहासिक भूमि संघर्ष में भूमिका व उसके बाद बिंदुखत्ता व अन्य क्षेत्रों की मेहनतकश जनता के विभिन्न आंदोलनों में उनकी नेतृत्वकारी भूमिका को याद किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कॉमरेड मान सिंह पाल जी को एक मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि देने से हुई।

भाकपा (माले) के राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा ने कामरेड मान सिंह पाल को याद करते हुए कहा कि, “कामरेड मान सिंह पाल सदैव शोषित पीड़ित वर्ग के पक्ष में पूरी दृढ़ता के साथ खड़े रहे। सत्ता की अवसरवादी राजनीति के विरुद्ध उन्होंने हमेशा क्रांतिकारी संघर्षों की राजनीति के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद की। इसीलिए वे हमेशा जनता की आवाज बने रहे। उनकी सबसे बड़ी खूबी निरंतर जनता से व्यापक संवाद कायम करना और जनता की गोलबंदी करने की उनकी अदभुत क्षमता थी। इसलिए उनको सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनके क्रांतिकारी संघर्ष के रास्ते को और बुलंद करते हुए जनता के बुनियादी सवालों पर लड़ाई को और तेज़ किया जाय।” उन्होंने कहा कि, “आज जब मोदी सरकार की अम्बानी-अडानी के पक्ष में बनाई गई कॉर्पोरेट नीतियों ने देश को बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है और बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, काला धन के सवाल से लोगों का ध्यान हटाने के लिए मीडिया के माध्यम से साम्प्रदायिकता और युद्धोन्माद का माहौल बना रही है और समाज को बांटने का काम कर रही है। ऐसे समय में जनता को संगठित करने की अभूतपूर्व क्षमता रखने वाले कामरेड मान सिंह पाल जैसे साथियों की कमी बहुत खलती है।”

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वरिष्ठ नेता कामरेड बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, “कामरेड मान सिंह पाल बिन्दुखत्ता में पार्टी व जनसंघर्षों का आधार रखने वाले नेताओं में से थे। भाकपा(माले) के मार्गदर्शन में कामरेड मान सिंह पाल जी व अन्य साथियों ने बिन्दुखत्ता में जमीन आबाद करने, राशन कार्ड बनाने, सड़क-स्कूल-अस्पताल स्थापित करने, दूध आंदोलन, सेंचुरी में रोजगार की मांगों पर चल रहे आंदोलनों में मुख्य भूमिका निभाई और कई बार दमन-जेल-मुकदमे भी झेलने पड़े।
कामरेड मान सिंह पाल में जनता और पार्टी के बीच बेहतर तालमेल रखते हुए आंदोलन और पार्टी को आगे बढ़ाने की अद्भुत क्षमता थी। वे बहुत विपरीत राजनीतिक परिस्थितियों में भी पार्टी के रास्ते पर चलते थे।”

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बैठक को संबोधित करते हुए कॉमरेड विमला रौथाण ने कहा कि, ‘मान सिंह पाल अपने व्यक्तिगत जीवन से ज्यादा सामाजिक जीवन जीना पसंद करते थे। 19 वर्ष की उम्र में ही गरीबों को जमीन दिलाने और बसाने के लिए उन्होंने बिन्दुखत्ता में जमीन दखल आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाई। अपनी बीमारी और जिंदगी में अंतिम अवस्था के बावजूद वे नगरपालिका के खिलाफ चल रहे आंदोलन में भी वे सक्रिय रहे। 9 मार्च 2015 को वे हमारे बीच नहीं रहे।’

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इस अवसर पर बहादुर सिंह जंगी, विमला रौथाण, कामरेड कैलाश, बसंती बिष्ट, स्वरूप सिंह दानू, किशन बघरी, पुष्कर दुबड़िया, धीरज कुमार, मनोज जोशी, प्रमोद कुमार, त्रिलोक दानू, बिशन दत्त जोशी, दौलत सिंह कार्की, हरीश राम, रोबिन कुमार, बिशन सिंह, त्रिलोक राम, खीम सिंह आदि अनेक लोग मौजूद रहे। संचालन माले जिला सचिव डॉ कैलाश ने किया।

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