उत्तराखण्ड

सनसनी:- वन विभाग ने इस वजह से की सख्त कार्रवाई…… इस रेंज के रेंजर, डिप्टी रेंजर, वन दरोगा समेत 5 अधिकारी कर्मचारियों को हटाया….. इस विभाग के खिलाफ भी किया मुकदमा दर्ज….. पढ़ें विस्तृत खबर

लालकुआं। रेलवे द्वारा लालकुआं से गूलरभोज के बीच रेल लाइन में इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य के दौरान में भारी मात्रा में वनों का अवैध कटान होने के चलते प्रभागीय वनाधिकारी तराई केंद्रीय वन प्रभाग ने टांडा रेंज के रेंजर, डिप्टी रेंजर, वन दरोगा समेत पांच वन कर्मियों को हटाकर टांडा रेंज की ‘वन सुरक्षा दल’ बनाकर उसमें समायोजित किया।
तराई केंद्रीय वन प्रभाग क्षेत्र में पिछले 6 माह से रेलवे लाइन के इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य तेजी से चल रहा है, जिसमें रेल विभाग द्वारा काशीपुर को जाने वाली रेलवे लाइन के किनारे स्थित विभिन्न प्रजातियों के हरे वृक्षों का अवैध कटान एवं छटनी कर दी गई, टांडा रेंज के अंतर्गत रेलवे पटरी लगभग 18 किलोमीटर क्षेत्र से गुजरती है, जिसमें इस रेंज की 6 बीटे आती है, यह कार्य सरकारी था इसके बावजूद भारी संख्या में हरे पेड़ों के कटान को देखते हुए प्रभागीय वनाधिकारी भाई केंद्रीय वन प्रभाग वैभव कुमार सिंह ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए जहां टांडा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी हरीश चंद्र पांडे, डिप्टी रेंजर दीवान सिंह रौतेला, वन दरोगा योगेश चोपड़ा, भोपाल सिंह टँगड़िया, वन आरक्षी कमल मौर्य, डूंगर सिंह जीना को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए रेंज में अतिरिक्त सुरक्षा दल का गठन कर उक्त अधिकारी और कर्मचारियों को वहां समायोजित कर दिया गया, उनके स्थान पर वन क्षेत्राधिकारी गदगदिया प्रदीप कुमार असगोला को अतिरिक्त टांडा रेंज का चार्ज दिया गया है, तथा वन दरोगा राजू दास, मनोज कुमार मेलकानी, अंकित जायसवाल, विशन राम, वन आरक्षी गोपाल सिंह बिष्ट को टांडा रेंज में तैनात किया गया है। वही वन क्षेत्राधिकारी टांडा हरीश पांडे ने उक्त अवैध पातन करने पर रेलवे के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की है। परंतु वन महकमा अत्यधिक हरे वृक्षों के दोहन से खासा नाराज है, जिसके चलते तत्काल प्रभाव से अपने ही अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
इधर सूत्रों से पता चला है कि जिन बीट प्रभारियों के क्षेत्र में रेलवे पटरी 4 से 5 किलोमीटर तक आती है, उन्हें नहीं हटाया गया, जबकि जिनके क्षेत्र में 1 किलोमीटर एवं आधा किलोमीटर रेलवे पटरी आ रही है उनका स्थानांतरण किया गया है।

To Top