उत्तराखण्ड

आंदोलनकारियों को तगड़ा झटका:- सेंचुरी मिल के दो सौ मीटर के दायरे में धरना प्रदर्शन के लिए न्यायालय से अस्थाई निषेधाज्ञा जारी

लालकुआं। न्यायालय द्वारा सेंचुरी पेपर मिल के मुख्य गेट के दो सौ मीटर के दायरे में कोई भी धरना प्रदर्शन नही करने का आदेश जारी किया है, इस मामले में मिल के विरुद्ध आंदोलन कर रहे लोगों को प्रतिवादी बनाया गया है।

विदित रहे कि गत दो अगस्त को सेंचुरी पेपर मिल में हुई भर्ती में अनियमितिता का आरोप लगाते हुए शहीद स्मारक बिंदुखत्ता में धरना दे रहे युवकों ने मिल के मुख्य द्वार में पहुंचकर धक्का मुक्की कर भारी हंगामा किया था, इस दौरान मिल प्रबंधन को पुलिस भी बुलानी पड़ी, बाद में बमुश्किल मामला शांत हुआ, जिसके बाद मिल प्रबंधन ने आंदोलन कर रहे शंकर जोशी, रमेश जोशी समेत अन्य के खिलाफ सिविज जज ज्योति बाला की कोर्ट में वाद प्रस्तुत किया, जिसमें मिल प्रबंधन ने आशंका व्यक्त की है कि प्रतिवादी पूर्व की भांति कारखाने में घुसकर काम में बाधा डालने, मशीनों में तोड़फोड़ करने जैसी कार्यवाही कर सकते है। जिसपर सुनवाई करते हुए सिविल जज ने मिल के मुख्य द्वार के दो सौ मीटर के दायरे में कोई भी आंदोलन नही करने की अस्थाई निषेधाज्ञा जारी की है। मिल के एचआर हेड अरुण प्रकाश पांडे ने बताया कि कुछ लोगों द्वारा पिछले दिनों मिल के मुख्य द्वार पर अराजकता की स्थिति उत्पन्न कर दी थी, जिसके बाद न्यायालय ने अस्थाई निषेधाज्ञा का आदेश जारी किया है। अब यदि पुनः सेंचुरी के मुख्य द्वार या मिल परिसर में इस तरह की कोई कार्रवाई हुई तो वह न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन होगा।

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