उत्तराखण्ड

जब तक टिकट फाइनल नहीं होता तब तक दावेदारों को टेंशन ही टेंशन…… पढ़ें इस समय कौन क्या कर रहा है

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने बिसात बिछानी शुरू कर दी है, भले ही नामांकन की अंतिम तिथि 28 जनवरी एवं चुनाव 14 फरवरी को होने हैं, इसके बावजूद लगता है 20 जनवरी तक कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों के टिकट लगभग फाइनल हो जाएंगे। वर्तमान में कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों दल प्रत्याशी चयन में लगे हुए हैं साथ ही 16 जनवरी तक धारा 144 लागू होने के बावजूद राजनीतिक दलों के तमाम संभावित प्रत्याशी स्वयं का टिकट मानकर कार्यकर्ताओं एवं बड़े स्तर के नेताओं को साधने में लगे हुए हैं। जब तक टिकट वितरण नहीं होता है कोई भी संभावित प्रत्याशी स्वयं को टिकट की दौड़ से बाहर मांनने को तैयार नहीं है। तथा नेताजी सार्वजनिक रूप से जनसंपर्क में नहीं जा पाने के चलते सोशल मीडिया व वर्चुअल संपर्क में बने हुए हैं। सबसे मजेदार बात तो यह है कि जिस राजनीतिक दल के आधा दर्जन दावेदार भाग्य आजमा रहे हैं वह अपनी टक्कर में मान रहे साथी दावेदार की जगह-जगह कमियां गिनाने में लगे हुए हैं, कई दावेदार तो ऐसे भी हैं जो हर हाल में टिकट चाहते हैं, वह इससे कम में समझौता करने को राजी नहीं है। जबकि कुछ पार्टी स्तर पर या सरकार आने पर सम्मान दिए जाने के आश्वासन पर ही मानने को तैयार हैं। वर्तमान में पार्टी पर्यवेक्षक भी तमाम विधानसभा क्षेत्रों में जाकर खूब इंजॉय कर रहे हैं, तथा कुरेद- कुरेद कर पार्टी के नेताओं से तमाम दावेदारों की कमियां एवं खूबियों पर चर्चा कर रहे हैं। कार्यकर्ता भी इस विषम परिस्थितियों का जमकर आनंद उठा रहे हैं, तथा जिस प्रत्याशी से पूर्व में कोई थोड़ा बहुत भी नाराजगी रही होगी तो उसकी कसर पर्यवेक्षक के कान में चुगली करके पूरी कर रहे हैं। कुल मिलाकर जब तक टिकट वितरण नहीं हो जाता तब तक चुनावी माहौल में टेंशन बना रहेगा। वही वातावरण भी कुछ समय से अत्यधिक ठंडा हो चला है, इसके बावजूद दावेदारों के तेवर गर्म बने हुए हैं।

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