कहते हैं पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं, और बेटियां तो वैसे भी परिवार का गौरव मानी जाती है, ऐसा ही गौरवपूर्ण कार्य ताज नगरी की इस साहसिक बेटी ने कर दिखाया है, दयालबाग डीम्ड यूनिवर्सिटी में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा पंक्चर बनाकर छह लोगों के परिवार का भरण पोषण करती है, और अपनी पढ़ाई का खर्च भी उठाती है। छात्रा के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में उसने संघर्षों से लड़ना सीखा, लेकिन स्वाभिमान से समझौता नहीं किया। आज स्वाभिमानी राजकुमारी की हर कोई तारीफ करता है। शहर की रोशनी संस्था राजकुमारी को ‘आगरा गौरव’ सम्मान से सम्मानित करेगी।
पंक्चर की दुकान राजकुमारी के पिता हेत सिंह की है। वर्ष 2019 से उनकी तबीयत रहती है। तब से ही राजकुमारी पर दुकान संभालने की जिम्मेदारी आ गई। वह सुबह कम से कम दो घंटे और शाम को तीन घंटे से अधिक दुकान पर बैठती हैं। पंक्चर की इस दुकान से हुई कमाई और घर में एक गाय से मिलने वाले दूध को बेचकर किसी तरह खर्चा निकल आता है।
राजकुमारी के परिवार में पिता हेत सिंह, मां संतिया देवी, दो बहनें सीमा (14), लक्ष्मी (16) और एक भाई कन्हैया (16) हैं। राजकुमारी (18) सबसे बड़ी हैं। राजकुमारी ने हाईस्कूल और इंटर फर्स्ट डिवीजन से पास किया था।
‘सभी जिम्मेदारी निभा रही मेरी बेटी’
राजकुमारी के पिता हेम सिंह ने बताया कि बेटी पर नाज है। मेरी राजकुमारी किसी राजकुमार से कम नहीं हैं। वह सभी जिम्मेदारियों को बखूबी पूरा कर रही है। काम से समय मिलने के बाद वह रात में दो घंटे हर रोज पढ़ाई करती है। मां संतिया देवी ने कहा कि बेटी सभी की बात मानती है। मेरा और भाई-बहनों का बहुत ख्याल रखती है। सब काम करने के बाद अपनी पढ़ाई पर बैठ जाती है। कुछ बनना चाहती है।
‘खुशी है, मेरे संघर्ष को समझा गया’
राजकुमारी ने कहा कि सच कहूं तो मुझे इस बात से खास फर्क नहीं पड़ता है कि मुझे सम्मानित किया जाएगा। हां, इस बात की खुशी है कि मेरे संघर्ष को समझा गया। मैं लड़ने के काबिल हूं।
19 दिसंबर को आयोजित होगा समारोह
रोशनी चैरिटेबिल ट्रस्ट 19 दिसंबर को सेंट पीटर्स कॉलेज में कन्या सशक्तीकरण कार्यक्रम आयोजित करेगा। इसी में आगरा गौरव सम्मान प्रदान किया जाएगा। मंगलवार को कार्यक्रम के पोस्टर का विमोचन किया गया। मैनेजिंग ट्रस्टी सरोज प्रशांत ने बताया कि राजकुमारी के अलावा भी अन्य युवतियों को सम्मानित किया जाएगा।