भारतीय संस्कृति की अद्वितीय प्रदर्शनी का भवन तैयार हो रहा है हल्दूचौड़ में
👉 24 अवतारों , सप्त ऋषियों और समय-समय पर हुए भक्तों, साधकों की जीवनी के सचित्र प्रदर्शनी के दर्शन प्रत्येक मंजिल की दीवारों पर होंगे और आधुनिक डिजिटल आधारित प्रदर्शनी भी बनाने की योजना है।
👉 षोडश संस्कार में से अधिकांश संस्कारों को न्यूनतम खर्च में कर सकने की अलग-अलग मंजिल में व्यवस्था होगी। जिसमें गर्भावस्था में होने वाला पुंसवन संस्कार , उसके बाद होने वाले नामकरण अन्नप्राशन मुंडन विद्यारंभ यज्ञोपवीत विवाह वानप्रस्थ श्राद्ध तर्पण आदि सभी संस्कार संपन्न होंगे।
👉 एक मंजिल में उत्तम भोजनालय व्यवस्था रहेगी जिसमें संस्कारों के बाद लोग भोजन प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे।
👉 संस्कारों के साथ स्वावलंबन के लिए भी समर्पित होगा यह भवन। ज्ञात हो अभी तक 500 से अधिक महिलाएं जनेऊ बनाना, ऊन की कताई करना, धूप बनाना मालिश तेल आदि बनाना प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं। जिसमें से बहुत अपना काम कारोबार कर रही हैं।
👉 गायत्रीकुंज परिसर में नवग्रह वाटिका राशि वाटिका समेत एक्यूप्रेशर पथ वाला श्रीराम स्मृति उपवन पहले से स्थापित है।
👉 श्री वेदमाता गायत्री ट्रस्ट शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा समय-समय पर निर्धारित होने वाले कार्यक्रमों के दिव्य आयोजन यहां पर संपन्न होंगे।
गायत्री शक्तिपीठ हल्दूचौड़ में बनाए जा रहे भव्य बहुमंजिला भवन निर्माण में क्षेत्र के तमाम ग्रामीणों के साथ-साथ गायत्री परिवार से जुड़े स्थानीय 700 सदस्य श्रमदान एवं आर्थिक सहयोग कर विशाल भवन निर्माण को पूर्ण करने की ओर तेजी से बढ़ रही है।
हल्दूचौड़ में स्थित गायत्री शक्तिपीठ की पिछले कुछ माह से भव्य बहुमंजिला इमारत तैयार की जा रही है, जिसमें अब तक लगभग एक करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से दो मंजिला लेंटर पड़ चुका है, और वर्तमान में तीसरी मंजिल के लेंटर की तैयारी की जा रही है, इस संबंध में शक्तिपीठ के प्रबंधक पंडित बसंत पांडे के अनुसार कुछ माह पूर्व उन्होंने अपने स्थानीय 700 सदस्यों के आर्थिक एवं श्रमदान के सहयोग के द्वारा भव्य शक्तिपीठ के निर्माण की रूपरेखा रखी थी, उक्त निर्माण कार्य में गायत्री शक्तिपीठ से जुड़े सदस्यों के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों ने भी बढ़-चढ़कर सहयोग देना शुरू किया तो उक्त भवन में दो मंजिले का लेंटर पड़ चुका है, तथा तीसरे की वर्तमान में तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि अब तक स्थानीय सदस्यों ने एक करोड़ 20 लाख रुपए की मदद कर दी है, और अब गायत्री परिवार को आगे के निर्माण कार्य के लिए क्षेत्र के गणमान्य लोगों एवं दानदाताओं से मदद की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भव्य एवं विशाल भवन निर्माण के लिए बिना स्थानीय लोगों के सहयोग के यह कार्य संभव नहीं हो पाएगा, इसलिए आसपास के क्षेत्रवासी भी गायत्री शक्तिपीठ के इस भव्य भवन निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करें, उन्होंने कहा कि आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ विदेश से गायत्री परिवार के सदस्य यहां आकर श्रमदान कर रहे हैं, जिसके चलते उन्हें और भव्य भवन निर्माण की प्रेरणा मिल रही है।