लालकुआं। उत्तराखंड की बेटियों ने सदैव देश विदेश में अपना मान बढ़ाया है यहां नगर के मिठाई विक्रेता कृष्णानंद खोलिया के आकस्मिक निधन के बाद गमगीन माहौल में निकाली गई उनकी शव यात्रा में चल रही उनकी दोनों बेटियों ने रानीबाग पहुंचकर हिंदू रीति रिवाज की तमाम मर्यादाओं को तोड़ते हुए पुत्र का फर्ज स्वयं निभाते हुए अत्यंत गमगीन माहौल में अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी, इस दौरान चित्रशिला घाट में मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखें नम हो गई।
विदित रहे कि 58 वर्षीय दिवंगत कृष्णानंद खोलिया अपने पीछे पत्नी शोभा खोलिया, दो बेटियों सोनू और तारा को छोड़ गए हैं, स्वर्गीय कृष्णानंद की दोनों बेटियों सोनू और तारा ने पिता की मौत के बाद न केवल अपनी मां को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि वह बेटों की तरह पिता के अंतिम संस्कार एवं अंतिम यात्रा में शामिल हुई, दोनों बेटियों ने अपने पिता की अर्थी को कांधा देने के साथ-साथ श्मशान घाट में चिता तैयार करने में सहयोग दिया, तथा अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर बेटी होने के बावजूद बेटे का फर्ज अदा किया, लालकुआं नगर में पहली बार बेटियों द्वारा पिता की चिता को मुखाग्नि देने की घटना के बाद हर कोई दोनों बेटियों के साहस की प्रशंसा कर रहा है।
फोटो परिचय- कृष्णानंद खोलियां